MP में 24 मई से कोरोना कर्फ्यू में मिल सकती ढील… भोपाल में खुल सकती हैं किराना दुकानें

MP में 24 मई से कोरोना कर्फ्यू में मिल सकती ढील… भोपाल में खुल सकती हैं किराना दुकानें


MP में कोरोना पॉजिटिविटी रेट 8.5 फीसदी हो गया है.(सांकेतिक फोटो)

Bhopal. नरोत्तम मिश्रा (Narottam mishra) ने कहा- परिस्थितियों का आंकलन करने के बाद प्रदेश के अलग-अलग शहरों के बारे में फैसला किया जाएगा. उसके बाद कोरोना कर्फ्यू पर विचार किया जाएगा.

भोपाल. मध्यप्रदेश में कोरोना के संभलते हालात को देखते हुए कोरोना कर्फ्यू (Corona Curfew) से भी कुछ राहत मिल सकती है. प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने 24 मई से कोरोना कर्फ्यू में ढील के संकेत दिए हैं. उन्होंने इंदौर की तरह भोपाल में किराना दुकानें खोलने के संकेत दिए हैं. भोपाल के साथ प्रदेश के 25 जिले ऐसे हैं जहां 24 मई की सुबह 6:00 बजे तक कोरोना कर्फ्यू लगा हुआ है. ऐसे में इन सभी जिलों में आंशिक राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. करीब डेढ़ महीने की भयावह त्रासदी के बाद कोरोना अब एमपी में कुछ राहत देता दिख रहा है. यहां कोरोना संक्रमित मरीज़ों की दर घटकर 8.5 फीसदी पर आ गयी है जो काफी राहत देने वाली है. हालांकि ये कोरोना कर्फ्यू के कारण ही संभव हो पाया. लेकिन फिर भी हालात सुधरते देख अब सरकार अब इसमें ढील देने का विचार कर रही है. प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ऐसी जानकारी दी. ये है ग्राफ इंदौर में किराना दुकान खोलने में ढील देने पर मिश्रा ने कहा इंदौर की परिस्थितियों का आंकलन करने के बाद प्रदेश के अलग-अलग शहरों के बारे में फैसला किया जाएगा. उसके बाद कोरोना कर्फ्यू पर विचार किया जाएगा. कोरोना नियंत्रण संबंधी सकारात्मक जानकारी प्रदेश भर से मिल रही है. mp में पिछले 24 घंटों में मात्र 5533 नए प्रकरण आए हैं. लगभग दोगुने 10885 लोग स्वस्थ होकर घर लौटे हैं. रिकवरी रेट 88% हो गया. संक्रमण दर घटकर 8.5 प्रतिशत रह गई है.प्रदेश के उत्तर के जिलों में भी स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है. पर्याप्त आक्सीजन है. अभी भी भोपाल और इंदौर में केस ज्यादा हैं. लेकिन इनकी आबादी भी काफी है. ग्वालियर,शिवपुरी और दतिया में कोरोना मरीज़ों की संख्या डबल डिजिट से नीचे पहुंच गयी है.

कमलनाथ को अघोरी कहा…
कमलनाथ के ट्वीट पर गृह मंत्री ने  तंज कसा. उन्होंने कहा अब जनता के साथ क्रूर मजाक है. असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा है. इन्हें मुर्दों की आवाज सुनाई पड़ने लगी है.इन्हे जनता का दर्द सुनाई नहीं देता. लगता है कमलनाथ अघोरी हो गए हैं. जब जनता को ढाढस बंधाने की जरूरत है तब कमलनाथ जनता में डर पैदा कर रहे हैं. कांग्रेस ने तय कर लिया है कि जहां भी देश के स्वाभिमान की बात होगी वहां पर सवाल जरूर खड़े करेंगे. उन्होंने कहा कमलनाथ जी कम से कम जनता के साथ मजाक तो मत कीजिए.







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