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जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने ड्राइवर की गिरफ्तारी के मामले से पल्ला झाड़ लिया है. दूसरी तरफ, शहर में कुछ ही दिनों पहले रेमडेसिविर की अवैध बिक्री करने वाले गिरोह के खुलासे के बाद यह दूसरी बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है.

जिला स्वास्थ्य अधिकारी के ड्राइवर को पुलिस ने गिरफ्तार किया.
पिछले दिनों विजय नगर पुलिस ने ही नकली रेमेडेसिविर इंजेक्शन बेचते गिरोह का पर्दाफाश किया था. महंगे दामो में इंजेक्शन बेचने वाले आरोपी भी पुलिस के हत्थे चढ़े थे.
क्या है स्वास्थ्य अधिकारी का बयान? अपने ड्राइवर की गिरफ्तारी के मामले में जिला स्वास्थ अधिकारी पूर्णिमा गड़रिया ने कहा कि निजी कम्पनी का वाहन अनुबंधित था और वहीं से ड्राइवर भेजा गया था. उन्होंने ड्राइवर की नियुक्ति से सीधा संबंध न होना बताया, लेकिन पुलिस जांच कर रही है. ये भी पढ़ें : MP : बुखार आया तो डर लगा कि कोरोना होगा, दोस्त की सलाह मानी तो हो गई मौत! गौरतलब है कि ज़िला स्वास्थ्य अधिकारी पूर्णिमा गड़रिया बीते दिनों मुखर होकर इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह के विरोध में उतरी थीं. नौकरी से इस्तीफा तक देने वाली गडरिया के समर्थन में शहर भर के स्वास्थ विभाग के अधिकारी कर्मचारी शामिल हुए थे. इस पूरे एपिसोड के बाद से ही गडरिया सुर्खियों में रही थीं.