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रतलाम41 मिनट पहले
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सरकार स्वास्थ्य और शिक्षा पर जो दे रही है, लेकिन कई ऐसी घटना हो जाती है जो हमें शर्मसार कर देती है। एक ऐसी ही घटना मंगलवार को हुई। एक महिला को प्रसव पीड़ा होने पर उसका पति दाई को साथ लेकर बाइक से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आ रहा था। तेज दर्द होने पर रास्ते में ही उसकी डिलीवरी करवानी पड़ी। हद तब हो गई जब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मात्र 300 मीटर दूर था और सूचना के बाद भी जननी एक्सप्रेस व 108 एंबुलेंस नहीं पहुंच पाई। उधर से गुजर रहे पुलिस अधिकारियों ने ऑटो मंगवाकर जच्चा व बच्चे को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भिजवाया। सरवन से 8 किमी दूर स्थित बड़ी नाल निवासी निर्मला पति कैलाश निनामा गर्भवती होने पर दाई संताबाई निवासी ग्राम वाली को सोमवार को दिखवाया था।
दाई ने मंगलवार तक डिलीवरी का कहकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बात कर ली थी। मंगलवार सुबह प्रसव पीड़ा होने पर सरवन से 4 किमी दूर दाई संताबाई को अपने गांव लेकर आया था। संताबाई ने उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेजाने की बात कही। कैलाश पत्नी व दाई को बाइक पर बैठाकर सरवन आ रहा था। लगभग 9.30 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से 300 फीट पहले ही दर्द बढ़ने पर दाई ने साइड में बाइक रुकवा कर चादर बिछाकर वहीं डिलीवरी करवाई। इधर कोरोना कर्फ्यू देखते हुए रोड पर चालानी कार्रवाई कर रहे थाने व आबकारी विभाग के अधिकारी व पुलिस जवान महिला की डिलीवरी होते देख रुके।
उनके द्वारा सूचना के बाद भी 45 मिनट तक कोई स्वास्थ विभाग का कर्मचारी नहीं पहुंचा। आबकारी उपनिरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह, एसआई आनंद बागवान, आरक्षक सुरेंद्र सिंह ने तुरंत एक ऑटो ड्राइवर निसार खां को बुलाकर ऑटो से सहायता कर उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। सफल डिलीवरी कराने पर उप निरीक्षक आबकारी के पुष्पेंद्र सिंह ने दाई संताबाई को पुरस्कार स्वरूप 100 रुपए इनाम में दिए।