गांवों में कोरोना ग्राउंड रिपोर्ट: कुम्हार टोली गांव में लॉकडाउन का सदुपयोग, एडवांस बना लिए करवा चौथ के करवे और दीपावली के दीए

गांवों में कोरोना ग्राउंड रिपोर्ट: कुम्हार टोली गांव में लॉकडाउन का सदुपयोग, एडवांस बना लिए करवा चौथ के करवे और दीपावली के दीए


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छतरपुर5 मिनट पहलेलेखक: श्रीकांत त्रिपाठी

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करवे बना रहे बबलू प्रजापति

  • छतरपुर जिले के इस गांव से दीपावली पर दीयों और मूर्तियों की सप्लाई झांसी, कानपुर तक होती है

छतरपुर जिले के कुम्हार टोली गांव में प्रजापति समाज के करीब 40 परिवार हैं। कोरोना के चलते जहां छोटे-बड़े सभी उद्योग बंद हैं, वहीं इस गांव में अधिकतर परिवार मिट्टी के बर्तन और मूर्तियां बनाने में जुटे हैं। इन्होंने अभी से करवा चौथ और दीपावली की तैयारी कर ली है। करवे बना रहे बबलू प्रजापति चकरे को बंद कर कहते हैं- लॉकडाउन के चलते मिट्टी के बर्तन मटके आदि की खरीदी ठप है। बाहर निकल नहीं सकते। इस समय का उपयोग करते हुए घर में अभी से करवे, दीपावली की मूर्तियां व दीये बना रहे हैं।

गांव के सभी परिवार इसी काम में लगे हैं। लॉकडाउन का पालन सही तरीके से होने के कारण गांव में एक भी पॉजिटिव केस नहीं है। मेनका प्रजापति के परिवार ने दीपावली के लिए ग्वालन (लक्ष्मीजी का एक रूप) की हजारों प्रतिमाएं तैयार कर ली हैं। बातचीत में उनकी चिंता के साथ उम्मीद भी झलकती है। कहती हैं- 60 हजार रुपए कर्ज लिया, तब जाकर मिट्टी और अन्य सामान खरीद पाए। कुम्हार टोली गांव में त्योहार से पहले सब ठीक हो जाएगा।

गांव से मिट्टी के सामान की सप्लाई छतरपुर, नौगांव, टीकमगढ़ के अलावा उत्तरप्रदेश के महोबा, झांसी और कानपुर तक होती है। अब बात हालात की। गांव में सिर्फ एक उप स्वास्थ्य केंद्र है जो सिर्फ टीकाकरण के लिए ही खुलता है। इलाज के लिए छतरपुर और नौगांव जाना पड़ता है। गांव की जनसंख्या 4 हजार है। यहां 45 वर्ष से अधिक उम्र के 80 फीसदी लोगों का वैक्सीनेशन भी हो चुका है।

इधर, मंदसौर में… टीके से डरे गांव वालों को काेराेना से बचाने के लिए धूप यात्रा
राजेंद्र दुबे/शरद गुप्ता
|मंदसौर जिले के गांवों में लोग टीके से डरे हुए हैं और कोरोना से बचाव के लिए देसी नुस्खे भी अपना रहे हैं। साखतली गांव में सरपंच रामपाल तंबोली लाेगाें काे समझा रहे थे कि वैक्सीन ही कोरोना से बचाएगी। उधर, मांगीलाल पाटीदार ने 35 युवाओं के साथ गांव में धूप चिकित्सा यात्रा निकाली। इसमें 30 बाल्टियों में गूगल, कपूर, घी, जौ, नीम के पत्ते, चंदन-आम की लकड़ियों को कंडे के साथ जलाकर धुआं किया। उनका दावा है कि इससे हवा में फैल रहा कोरोना खत्म हो जाएगा।

धूप चिकित्सा यात्रा निकालते युवा।

धूप चिकित्सा यात्रा निकालते युवा।

गांव में 65 मरीज हैं, 10 की मौत हो चुकी है। सुरखेड़ा गांव में कचरूलाल पाटीदार ने बताया कुछ दिन पहले हनुमानजी का अभिषेक किया। इसके बाद जल की बूंदें हर व्यक्ति पर छिड़की। यहां अब तक 34 मरीज मिले हैं। एक की मौत हुई है।

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