मोखा के जबलपुर में पेट्रोल पंप से लेकर अस्पताल तक कई धंधे चल रहे हैं.
Jabalpur. रसूख और पैसों के दम पर अब तक शासन-प्रशासन सब सरबजीत मोखा पर मेहरबान रहे. लेकिन अब नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन उसका सलाखों के पीछे पहुंचा दिया.

शिकंजा सिर्फ अमृत हाइट्स तक ही नहीं कसा जा रहा बल्कि हाल ही में सरबजीत सिंह मोखा के पैरामेडिकल और नर्सिंग कॉलेज की भी शिकायत आई है. मोखा कई साल से इंदिरा गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ़ नर्सिंग और इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल कॉलेज चला रहा है. दोनों कॉलेज सिटी अस्पताल आगा चौक की ट्रामा यूनिट की बिल्डिंग में हैं. यह तय मानकों और आवश्यक मापदंडों को पूरा नहीं करते हैं. एक ही बिल्डिंग में ट्रामा यूनिट और पैरामेडिकल कॉलेज नहीं चलाए जा सकते. हर काम में भ्रष्टाचार जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों की सूची में इंदिरा गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ़ नर्सिंग को जीएनएम कोर्स की 40 सीटें, बीएससी नर्सिंग की 60 सीट, पोस्ट बेसिक बीएससी की 20 सीट और एमएससी नर्सिंग की 25 सीटों की मान्यता मिली है. इसके लिए संस्थान के पास नियम अनुसार 23050 वर्ग फीट निर्मित एरिया होना चाहिए. इसी प्रकार इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल एंड रिसर्च को भी पैरामेडिकल काउंसिल ने मान्यता दी है. कॉलेज से मान्यता के लिए संस्था ने जो आवेदन काउंसिल को दिया उसमें कॉलेज की बिल्डिंग का एरिया 78060 वर्ग फीट और निर्मित एरिया 61440 वर्ग फीट बताया गया. इस प्रकार एक ही भवन में नर्सिंग कॉलेज का 23000 वर्ग फीट और निर्मित एरिया 61440 वर्ग निर्मित बताया गया है. समझ सकते हैं कि भ्रष्टाचार के आधार पर मान्यता अर्जित की गई और जिम्मेदारों ने भी आंख मूंदकर मान्यता दे दी अब इस मामले में भी जांच की जा रही है.
खेल खत्म रसूख और पैसों के दम पर अब तक शासन-प्रशासन सब मोखा पर मेहरबान रहे. लेकिन अब नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन उसे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया.