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- Urban Administration Order Period Ends, Not A Single Hospital Investigation In The City, The Corporation Took A New Order And Got Embroiled In Controversy
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इंदौरएक घंटा पहले
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प्रदेश के सभी अस्पतालों में फायर एंड लिफ्ट सेफ्टी ऑडिट को लेकर नगरीय प्रशासन द्वारा निकाला गया आदेश मजाक बनकर रह गया है। जांच की खानापूर्ति के लिए 17 मई तक की तारीख दी थी, लेकिन इस तारीख तक शहर के 249 अस्पतालों में नगर निगम जांच ही शुरू नहीं कर पाया। वहीं आदेश की अवधि खत्म होने के दूसरे दिन यानी 18 मई को निगम ने संशोधित आदेश जारी कर फिर से 17 फायर कंसल्टेंट की सूची जारी कर दी।
इस सूची में भी दो नाम हटाकर दो साल से वेटिंग में चल रहे फायर कंसल्टेंट को दरकिनार कर नए नाम ले लिए। इसे लेकर विवाद खड़ा हो गया। पहले जिन 5 फायर कंसल्टेंट को अस्पतालों में ऑडिट का जिम्मा सौंपा गया था, उन्हीं ने मोर्चा खोल दिया। साथ ही जो वोटिंग में उन्होंने भी रातोरात नए नाम जोड़ने पर सवाल खड़े कर दिए। वहीं नए आदेश के साथ ही मंगलवार से कुछ अस्पतालों में फायर एंड लिफ्ट सेफ्टी ऑडिट शुरू हो गया है।
फायर कंसल्टेंट की लिस्ट
मनीष दुबे, अंकित निगम, शुभाशीष चौधरी, बाबूलाल चौधरी, शरीष शर्मा, अश्विनी शर्मा, अमित शर्मा, तरुण गुप्ता, पीके दीवान, नितिन पाटीदार, सौरभ शर्मा, आकाश परदेशी, अंशुल कायस्थ, ईशान कालरा, सागर चौकसे।
इन दो को हटाया – सुरजीत चौहान, विशेष राठौर।
इन दो को जोड़ा – प्रियम सोनगरा, मयंक दादू।
नियमानुसार ही नाम जुड़वाए हैं
मयंक दादू का कहना है कि नियमानुसार ही नाम जुड़वाया। विशेष राठौर का कहना है कि मुझे नाम हटाए जाने का पता नहीं है।
आरोप- वेटिंग वालों को छोड़ दो नए नाम जोड़े
भास्कर ने 7 दिन में फायर एंड लिफ्ट सेफ्टी ऑडिट को लेकर नगरीय प्रशासन के आदेश पर सवाल उठाए थे। इसके तत्काल बाद नगर निगम ने नया आदेश जारी किया। इसमें 5 के स्थान पर ई-नगर पालिका में दर्ज 17 फायर कंसल्टेंट के नाम व नंबर जारी कर सभी अस्पतालों को सूचना दी कि इन्हीं लोगों से उन्हें फायर एंड सेफ्टी ऑडिट कराना है। सबसे पहले निगम की लिस्ट में जोड़े गए मनीष दुबे ने बताया हमसे बिना जानकारी लिए और सहमति के नगर निगम ने यह आदेश जारी कर दिया।
वहीं कंसल्टेंट शुभाशीष चौधरी, अश्विन शर्मा ने भी सवाल उठाए हैं। पहले जो आदेश जारी हुआ था उसमें 17 नामों में दो नाम नहीं थे। यह ई-नगर पालिका के पोर्टल पर रातोरात जोड़े गए। अपर आयुक्त अभय राजनगांवकर ने बताया पहले हमने पांच नाम इसलिए दिए थे क्योंकि वे ही इंदौर में उपलब्ध थे। अब सभी के लिए छूट दे दी है। नए नाम जोड़ने जाने को लेकर हमने फाइल भोपाल भेज दी थी। जो भी कंसल्टेंट जुड़ना चाहता है वह अपना आवेदन करें, उसे जोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।