कलेक्टर का पद अस्वीकार करने वाले अनूप कुमार सिंह.
दमोह विधानसभा उपचुनाव में BJP की हार के बाद पिछले दिनों अधिकारियों के तबादले किए गए थे. इनमें जबलपुर के अपर कलेक्टर को दमोह कलेक्टर के रूप में पोस्टिंग मिली थी, लेकिन मां की देखभाल के मद्देनज़र उन्होंने पद नहीं लिया था.

जबलपुर में बतौर अपर कलेक्टर पदस्थ हैं अनूप कुमार सिंह.
डॉक्टरों ने अपनी पूरी कोशिश की और बेटे ने भी सारे काम छोड़कर हर संभव प्रयास किया लेकिन होनी टली नहीं. निधन के बाद रामदेवी के शव को कानपुर ले जाया गया क्योंकि सिंह मूलत: कानपुर के ही रहने वाले हैं.
कौन हैं सिंह और कैसा रहा करियर? 1987 में उत्तर प्रदेश में जन्मे सिंह को शांत और सरल स्वभाव का आईएएस बताया जाता है. जबलपुर में अपर कलेक्टर के पद पर इसी साल फरवरी में उन्हें पदस्थापना मिली थी. इससे पहले सिंह जबलपुर में ही नगर निगम कमिश्नर और उससे पहले ग्वालियर में अपर कलेक्टर के पद पर रहे थे. मूलत: कानपुर के सिंह का एक घर उत्तर प्रदेश के इटावा में भी है. उनके घर में पिता और तीन बहनें हैं. ये भी पढ़ें : ब्लैक फंगस के खिलाफ MP में बनी टास्क फोर्स, जानिए कैसे रहना है आपको सावधान जबलपुर में बतौर अपर कलेक्टर सिंह को इसी महीने 7 तारीख को राज्य सरकार ने दमोह के कलेक्टर के तौर पर पदस्थापना दी थी, लेकिन मां की बीमारी के चलते उन्होंने यह पद नहीं लिया था. सिंह के आवेदन के बाद उन्हें जबलपुर में ही पदस्थ रखा गया था. गौरतलब है कि दमोह उपचुनाव में भाजपा की हार के बाद ज़िले के एसपी और कलेक्टर के साथ ही कुछ और अफसरों के तबादले हुए थे.