MP News: कार पर लिखा था ‘न्यायाधीश’, सब पर झाड़ता था रौब और निकला धोखेबाज़!

MP News: कार पर लिखा था ‘न्यायाधीश’, सब पर झाड़ता था रौब और निकला धोखेबाज़!


प्रतीकात्मक तस्वीर

मध्य प्रदेश की भिंड पुलिस ने एक शख्स को गिरफ्तार कर उसकी कार भी ज़ब्त की जिस पर लोागों को धोखा देने के लिए फर्जी तौर पर न्यायाधीश लिखा हुआ था. पूछताछ में इस शख्स की दिलचस्प कहानी सामने आई.

भिंड (अनिल शर्मा). पुलिस ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया जो खुद को जज बताता था. उसकी एक कार भी ज़ब्त की है, जिस पर न्यायाधीश लिखा हुआ था. ये फर्ज़ी जज अपनी कार पर जाली तौर पर न्यायाधीश लिखकर ट्रैफिक पुलिस और लोगों पर रौब झाड़ता फिरता था. गिरफ्तार किया गया यह शख्स उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले का रहने वाला बताया गया है, जो पिछले एक साल से अपने परिवार को धोखा देकर भिंड में रह रहा था. ज़िला पुलिस ने फर्ज़ी जज के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया और पूछताछ की जा रही है. पुलिस ने बताया कि इस शख्स के पास से जो विज़िटिंग कार्ड मिले, उनमें उसका ओहदा सिविल जज लिखा था. उसके मोबाइल फोन में एक आवेदन पत्र भी मिला, जो उसने सीनियरों को छुट्टी के लिए लिखा था. इस पूरे मामले की पड़ताल की जा रही है. ये भी पढ़ें : इंदौर की स्वास्थ्य अधिकारी का ड्राइवर ही ब्लैक में बेच रहा था रेमडेसिविर, गिरफ्तार कैसे पकड़ा गया फर्ज़ी जज?डीएसपी हेडक्वार्टर मोतीलाल कुशवाह को मोबाइल पर किसी अज्ञात व्यक्ति ने कॉल पर बताया कि छिबरा मऊ का रहने वाला दीपक भदौरिया खुद को सिविल जज बताता है, जो किराए के मकान में रह रहा है. पुलिस ने इस सूचना पर जब छानबीन की तो पता चला कि स्वतंत्र नगर में किराए के मकान में रहने वाले इस युवक ने गाड़ी पर न्यायाधीश लिखा है.

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फर्ज़ी जज बनकर घूमने वाला गिरफ्तार शख्स दीपक भदौरिया.

पुलिस कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी इसलिए पिछले तीन साल की सिविल जजों की नियुक्तियों और पोस्टिंग संबंधी जानकारी जुटाई. ऐसी किसी लिस्ट में उसका नाम नहीं था. इस नाम का कोई जज भिंड जिले में पदस्थ होना नहीं पाया गया. यह सब पुष्टि होने के बाद पुलिस ने दीपक को पकड़ा और पूछताछ की तो उसने जज बनने के सारे राज़ खोल दिए.
क्या है इस धोखेबाज़ की कहानी? दीपक भदौरिया ने जैसा पुलिस को बताया, उसके मुताबिक अपनी बीमार मां की तसल्ली के लिए उसने यह ड्रामा किया. जबलपुर से एडवोकेट की डिग्री के बाद कानपुर में रहकर सिविल जज की पढ़ाई की. उसके पिता ने काफी पैसा खर्च किया ताकि वह जज बन सके लेकिन यह सपना पूरा नहीं हो सका. तबसे उसने इस झूठ के ज़रिए जीना शुरू कर दिया था.







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