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लोकल 18 पर आज आपको मिलवाते हैं उत्तर प्रदेश की पहली महिला प्रधान मुख्य वन संरक्षक ममता संजीव दूबे से जो कि 1986 बैच की इंडियन फॉरेस्ट ऑफिसर हैं.ममता संजीव दूबे की जन्मभूमि हरियाणा और कर्मभूमि उत्तर प्रदेश बनी.द…और पढ़ें
ऑफिस में अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते हुए प्रधान मुख्य वन संरक्षक
रिपोर्ट:-अंजलि सिंह राजपूत,लखनऊ
उन्होंने बताया कि 1980 से पहले इंडियन फॉरेस्ट सर्विस में महिलाएं नहीं आती थीं और 1980 के बाद जब महिलाएं आना शुरु हुईं तो कई बड़े पदों पर रहीं और जो पुरानी अधिकारी रह कर गई हैं उन्होंने आने वाली नई पीढ़ी के लिए एक अच्छी राह बना दी है.अपने परिवार के बारे में बताती हैं कि उनके पिता रेलवे में इंजीनियर थे और मां गृहणी थीं.
वह बताती हैं कि उनके बड़े भाई आर्मी में थे और वह बॉटनी में स्नातक कर रही थीं.तो एक दिन अपने भाई के पासिंग परेड में जब गई तो भाई ने फॉरेस्ट अकैडमी दिखाकर कहा कि तुम फॉरेस्ट ऑफिसर बनने की तैयारी करो , तुम कर सकती हो.इसी के बाद उन्होंने तैयारी की और वहां आज एक सफल अधिकारी हैं.
लखनऊ में कुकरैल है पसंदीदा जगह
सबसे यादगार रहा हरिद्वार
ममता संजीव दूबे बताती हैं कि 90 के दशक में वह हरिद्वार में पोस्टेड थीं, तभी उनको सूचना मिली कि अवैध रूप से पेड़ काटे जा रहे हैं तो वह अपनी जीप से अर्दली के साथ पहुंची तो लकड़ी छोड़कर माफिया भाग चुके थे उन्होंने लकड़ी को कब्जे में ले लिया.तभी उनकी जीप खराब हो गई और करीब 5 किलोमीटर तक घने जंगल में आधी रात में वह अपने घर तक सिर्फ अर्दली के साथ आईं.यह वाक्या उनके लिए यादगार बन गया.