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सड़क सुरक्षा अभियान 2025 के तहत ध्यान भटकाकर गाड़ी चलाने से बचने की अपील की गई है. भारत में हर 3 मिनट में एक सड़क दुर्घटना होती है. मोबाइल फोन का उपयोग, खाना-पीना, और जीपीएस सिस्टम का उपयोग ध्यान भटकाने वाले प्…और पढ़ें
भारतीय सड़कों पर मोटर चालित और गैर-मोटर चालित वाहन जैसे साइकिल चालक, पैदल यात्री और अक्सर जानवर भी आ जाते हैं. यह अनिश्चित और अनजाना परिदृश्य ड्राइविंग को कठिन बना देता है. 2023 में भारत में हर 3 मिनट में सड़क दुर्घटनाओं के कारण एक जान चली गई.
लापरवाही पूर्वक ड्राइविंग के खतरे
यद्यपि लापरवाही पूर्वक ड्राइविंग को रोकने करने और दंडित करने के लिए कानून मौजूद हैं, सड़क पर चलने वाले सभी लोगों को चोटों और मौतों के मामले में इन कानूनों की ताकत को समझना बहुत महत्वपूर्ण है. वाहन चलाते समय मोबाइल फोन के बढ़ते प्रयोग के कारण भी यह मुद्दा विशेष रूप से ध्यान खींचता है.
- आइए कुछ परिदृश्यों पर नजर डालें जहां ध्यान भटकाकर गाड़ी चलाने से मृत्यु हो सकती है:
- गाड़ी चलाते समय संदेश भेजने या बात करने से वाहन चालकों की नज़रें सड़क से हट सकती हैं जिससे सड़क दुर्घटना का ख़तरा बढ़ सकता है.
- खाली सड़कों पर भी ध्यान भटकने से दुर्घटनाएं हो सकती हैं जो आवारा जानवरों से टकराने या वाहन चालक द्वारा सड़कों पर अचानक बदलने वाली परिस्थितियों पर तुरंत प्रतिक्रिया करने में असमर्थता के कारण होती हैं.
- हेडफ़ोन का उपयोग करते हुए चलने वाले पैदल यात्री आने वाले वाहनों से अनजान हो सकते हैं जिससे वह टकरा सकते हैं. 2023 में लगभग 20% सड़क मौतों में पैदल यात्री शामिल थे.
- जीपीएस सिस्टम की लगातार निगरानी भी वाहन चालकों को सड़क दुर्घटनाओं के प्रति संवेदनशील बना सकती है.
यहां कुछ तरीके दिए गए हैं जिनसे लोग अपने प्रियजनों और खुद की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं:
कुछ आसान कदम लोगों को ध्यान भटकाने वाली ड्राइविंग से बचने में मदद कर सकते हैं और हमारी सड़कों को एक सुरक्षित स्थान बना सकते हैं. सावधानी बरतने से सड़क दुर्घटनाओं को रोकने और लोगों की जान बचाने में काफी मदद मिल सकती है.