‘सोच से कहीं ज्यादा ‘डर्टी’ है EV का इस्तेमाल, बढ़ेगा पॉलूशन !’ दुनिया की सबसे बड़ी कार कंपनी ने छेड़ी नई बहस

‘सोच से कहीं ज्यादा ‘डर्टी’ है EV का इस्तेमाल, बढ़ेगा पॉलूशन !’ दुनिया की सबसे बड़ी कार कंपनी ने छेड़ी नई बहस


Last Updated:

टोयोडा का कहना है कि कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए एक बहु-ऊर्जा रणनीति की आवश्यकता है, क्योंकि अधिकांश बिजली थर्मल पावर प्लांट्स से आती है.

हाइलाइट्स

  • टोयोटा चेयरमैन ने ईवी से बढ़ते पॉलूशन पर चिंता जताई.
  • टोयोटा ने हाइब्रिड और अन्य विकल्पों पर जोर दिया.
  • कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए बहु-ऊर्जा रणनीति आवश्यक.

नई दिल्ली. भारत समेत दुनिया भर में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है. भारत में इन्हें बढ़ावा देने के लिए सरकार भी लगातार इन पर अलग अलग तरह की सब्सिडी ऑफर करती रहती है. भारत जैसा देश जहां पॉलूशन एक गंभीर समस्या है, वहां EV पर खास तौर पर जोर दिया जा रहा है, जिससे बढ़ते पॉलूशन पर काबू पाया जा सके. पर कभी आपने सोचा है कि क्या वाकई EV का इस्तेमाल करने से पॉलूशन को रोका जा सकता है? दुनिया की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी टोयोटा के चेयरमैन ने इस बारे में अपनी राय दी, जो आम सोच से काफी अलग है. आइए जानते हैं.

अकीओ टोयोडा ने क्या कहा?
टोयोटा के चेयरमैन अकीओ टोयोडा ने ऑटोमोटिव न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में बताया कि केवल ईवी अपनाने से कार्बन उत्सर्जन कम नहीं होगा; बल्कि, यह और बढ़ जाएगा. उनका कहना है कि कोई भी इससे इनकार नहीं करता कि बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (बीईवी) जीरो टेलपाइप उत्सर्जन करते हैं, लेकिन हम यह क्यों भूल जाते हैं कि बिजली ज्यादातर थर्मल पावर स्टेशन पैदा करते हैं?

EV से दूर टोयोटा
सालों से, ईवी खंड ऑटो क्षेत्र में तेजी से बढ़ा है, लेकिन टोयोटा ने इलेक्ट्रिक लहर से दूर रहने का निर्णय लिया है. कंपनी ने इस क्षेत्र में सावधानीपूर्वक कदम उठाए हैं, लेकिन यह मानती है कि कार्बन न्यूट्रैलिटी प्राप्त करने का अगला कदम हाइब्रिड तरीका है. टोयोटा हाइब्रिड, प्लग-इन हाइब्रिड, हाइड्रोजन फ्यूल सेल और ईवी जैसे कई विकल्प प्रदान करता है. साक्षात्कार में, टोयोडा बताते हैं कि कंपनी ने सभी निवेश ईवी में क्यों नहीं किए हैं. हर कोई केवल ईवी के एक पहलू पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, और वह है जीरो टेलपाइप उत्सर्जन, लेकिन बिजली कैसे पैदा होती है, यह कहानी का दूसरा पहलू दिखाती है, जिसे पर्याप्त रूप से उजागर नहीं किया गया है. थर्मल पावर स्टेशन से उत्पन्न कार्बन उत्सर्जन पर्यावरण पर गंभीर प्रभाव डालता है.

टोयोडा ने बताया कि दुश्मन कार्बन उत्सर्जन है और इससे निपटने के लिए एक बहु-ऊर्जा दृष्टिकोण अपनाना होगा. वर्तमान में, भारत में उत्तर प्रदेश हाइब्रिड पर रोड टैक्स में छूट प्रदान करता है. हाइब्रिड एक व्यावहारिक विकल्प हो सकता है यदि कोई आंतरिक दहन इंजन (आईसीई) से अपग्रेड करना चाहता है, क्योंकि वे ईवी की तुलना में अपेक्षाकृत सस्ते होते हैं और रेंज की चिंता नहीं होती.

homeauto

‘सोच से कहीं ज्यादा ‘डर्टी’ है EV का इस्तेमाल, बढ़ेगा पॉलूशन !’



Source link