नई दिल्ली. लग्जरी कारों की दुनिया में अब तक जर्मन कंपनियों का दबदबा रहा है. लेकिन, अब एक छोटी चाइनीज कपंन सेरिस (Seres) ने चीन के बाजार में बीएमडब्ल्यू और मर्सिडीज जैसी दिग्गज कंपनियों को धूल चटा दी है. सेरिस अब चीन की सबसे बड़ी लग्जरी इलेक्ट्रिक कार निर्माता बन चुकी है. इसने न सिर्फ BMW और Mercedes जैसी दिग्गज कंपनियों को पछाड़ा, बल्कि हाई-एंड सेगमेंट में नया ट्रेंडसेटर बनकर उभरी है. खास बात यह है कि चार साल पहले तक यह कंपनी 30,000 युआन (₹4.2 लाख) कीमत वाली मिनीवैन ही बनाती थी.
M9 SUV मॉडल बना गेमचेंजर
लग्जरी का मतलब सिर्फ जर्मन नहीं होता
सेरिस के S चेयरमैन झांग जिंगहाई ने शंघाई ऑटो शो में कहा, “Aito के मॉडल चीन के लग्जरी कार बाजार की परिभाषा बदल रहे हैं. यह ब्रांड बाजार और ग्राहकों की पसंद का जीता-जागता उदाहरण है.” कंपनी ने इसी साल एक और मॉडल Aito M8 भी पेश किया है, जो M9 से थोड़ा कॉम्पैक्ट है लेकिन फीचर्स में पीछे नहीं.
EV की दुनिया में जर्मन कंपनियों की नींव हिलाई
चुनौती भी कम नहीं
जहां सेरिस ने सफलता का स्वाद चखा है, वहीं चुनौतियों की भी कोई कमी नहीं है. 2024 में चीन का लग्जरी कार बाजार 23% तक सिकुड़ गया है. वहीं, बढ़ती प्रतिस्पर्धा और प्राइस वॉर के चलते Aito ने M9 के 2025 मॉडल की कीमतों में 10,000–20,000 युआन की कटौती करनी पड़ी है. जनवरी-फरवरी 2024 में Aito की बिक्री गिरकर 17,190 यूनिट्स रह गई, जबकि Mercedes ने 22,160 और BMW ने 18,130 यूनिट्स बेचकर फिर से बाज़ी मारी. कुल मिलाकर, Seres की पहली तिमाही की बिक्री में 42% की गिरावट आई.
सेरिस की Huawei के साथ पार्टनरशिप जहां उसकी ताकत है, वहीं अब यही साझेदारी चुनौती भी बनती जा रही है. Huawei अब चेरी और बीएआईसी (Stelato) जैसे अन्य ब्रांड्स के साथ भी ईवी बना रहा है. इससे Seres को ‘ब्रांड पहचान’ और ‘मार्केट शेयर’ के लिहाज से खतरा है.