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सुजुकी मोटर ने चीन द्वारा रेयर अर्थ मटेरियल्स के एक्सपोर्ट पर रोक के कारण सुजुकी स्विफ्ट का उत्पादन बंद कर दिया है. इससे वैश्विक कार बाजार और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की सप्लाई प्रभावित होगी.
हाइलाइट्स
- सुजुकी ने स्विफ्ट का उत्पादन बंद किया.
- चीन के रेयर अर्थ मटेरियल्स एक्सपोर्ट रोकने से उत्पादन प्रभावित.
- इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की सप्लाई भी प्रभावित होगी.
नई दिल्ली. सुजुकी मोटर ने अपनी बेहद पॉपुलर हैचबैक सुजुकी स्विफ्ट कार के उत्पादन को रोक दिया है. इस कार को भारत-जापान समेत दुनिया के कई कार बाजारों में खूब पसंद किया जाता है. फिर क्यों सुजुकी ने इसका प्रोडक्शन बंद कर दिया? इसके पीछे कारण है चीन. दरअसल अप्रैल में चीन ने रेयर अर्थ मटेरियल्स के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी थी जिससे कारों के प्रोडक्शन पर सीधा असर पड़ता है. इसी का नतीजा है कि स्विफ्ट जापान की पहली कार बन गई जिसका प्रोडक्शन चीन से मिलने वाली रेयर अर्थ मटेरियल्स कमी की वजह से बंद हो गया है.
कारों के प्रोडक्शन में इस्तेमाल किए जाने वाले ये रेयर अर्थ एलिमेंट्स सबसे ज्यादा चीन में पाए जाते हैं. इस वजह से इनकी सप्लाई पर एक तरह से चीन की मोनोपॉली है. इनका एक्सपोर्ट रोके जाने के बाद तमाम कार ब्रांड्स के प्रोडक्शन पर इसका बुरा असर पड़ने वाला है. जापानी वाहन निर्माता ने 26 मई से 6 जून तक स्विफ्ट सबकॉम्पैक्ट मॉडल (स्विफ्ट स्पोर्ट मॉडल को छोड़कर) के उत्पादन को रोकने की योजना की घोषणा की थी, जिसमें घटकों की कमी का हवाला दिया गया था.
यूरोप पर भी असर
कंपनी ने इसके अलावा कोई और जानकारी नहीं दी और एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी के पास इस रोक के कारण पर कोई टिप्पणी नहीं है, जिसे सबसे पहले निक्केई बिजनेस डेली ने रिपोर्ट किया था.चीन के अप्रैल में दुर्लभ पृथ्वी तत्वों और संबंधित मैग्नेट के निर्यात को रोकने के फैसले ने वाहन निर्माताओं, एयरोस्पेस निर्माताओं, सेमीकंडक्टर कंपनियों और सैन्य ठेकेदारों की आपूर्ति श्रृंखलाओं को बाधित कर दिया है. कुछ यूरोपीय ऑटो पार्ट्स प्लांट्स ने भी उत्पादन को रोक दिया है और मर्सिडीज-बेंज दुर्लभ पृथ्वी तत्वों की कमी से बचने के तरीकों पर विचार कर रही है.
इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर भी असर
इलेक्ट्रिक व्हीकल्स बनाने के लिए सबसे जरूरी है बैटरी. चीन के इस फैसले के बाद लीथियम आयन बैटरी की ग्लोबल सप्लाई पूरी तरह प्रभावित होगी. भारत के मार्केट पर भी इसका असर पड़ने वाला है. भारत ने लीथियम आयन बैटरी के विकल्प भी तलाशने शुरू कर दिए हैं.