Last Updated:
Sagar News: डॉक्टर मनीष जैन लोकल ने 18 से कहा कि गिद्ध अपने बच्चों की मोनोगेमस टाइप में प्रेनेटल केयर करते हैं. चाहें इंडियन वल्चर हों या हिमालयन वल्चर, ये सालभर में केवल एक ही अंडा देते हैं. नर और मादा मिलकर अ…और पढ़ें
सागर. आपने इंसानों को अपने बच्चों की सेवा करते हुए खूब देखा होगा लेकिन पक्षियों में भी एक खास प्रजाति पाई जाती है, जो अपने बच्चों की परिपक्व होने तक खूब केयर करते हैं, यानी कि अंडा देने के बाद नर और मादा मिलकर अंडे की सेवा करते हैं और जब हैंचिंग होने के बाद चूजा निकल आता है, तो फिर उसके परिपक्व होने तक उसे वातावरण में रहना, उड़ना और भोजन खोजना आदि सिखाते हैं ताकि वह अच्छे से सरवाइव कर सके. हम बात कर रहे हैं गिद्ध की. विलुप्तप्राय माने जाने वाले प्रकृति के सफाईकर्मी गिद्धों की संख्या मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड में पिछले तीन-चार साल से बढ़ती जा रही है जबकि यह सालभर में केवल एक अंडा ही देते हैं और इसमें किंग वल्चर दो साल में एक अंडा देती है. एक्सपर्ट के अनुसार, जब गिद्ध पांच साल की उम्र के हो जाते हैं, तब ब्रीडिंग के लिए परिपक्व होते हैं.
एक-दूसरे की मदद करते हैं नर और मादा
उन्होंने कहा कि इसमें नर और मादा दोनों समय-समय पर 50 दिन तक अंडे की हैचिंग करने में एक-दूसरे की मदद करते हैं. हैचिंग के बाद जो घोंसला यह बनाते हैं, पानी के सोर्स के आसपास बनाते हैं ताकि उस घोसले में नमी बनी रहे. नमी के कारण हैचिंग में मदद होती है. 900 मीटर तक की ऊंचाई पर घोसला बनाकर ये अंडे देते हैं, फिर 90 दिन तक चूजों के परिपक्व होने तक नर और मादा बारी-बारी से फीड कराते हैं. कोई भी खाना या अन्य चीज चोंच में लेकर आते हैं और उसको खिलाते हैं. डॉक्टर मनीष जैन ने आगे कहा कि गिद्ध पांच साल की आयु तक आते-आते परिपक्व हो जाते हैं और ब्रीडिंग के लिए पूर्ण रूप से परिपक्व हो जाते हैं . इस तरह से हम कह सकते हैं कि गिद्ध मोनोगेमस हैं. ये पैरेंटल केयरिंग करते हैं, जो इनमें देखने को मिलती है. मादा गिद्ध सामान्य तौर पर साल में एक बार अंडा देती है और जो गिद्ध किंग (मादा) होता है, वो दो साल में एक बार अंडा देती है.