खंडवा. मध्य प्रदेश के लाखों किसानों के लिए अच्छी खबर है. कई दिनों से चल रही चर्चा और किसानों की मांग के बाद आखिरकार राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने ग्रीष्मकालीन मूंग और उड़द की खरीदी के लिए समर्थन मूल्य पर सरकारी उपार्जन का ऐलान कर दिया है. सरकार ने घोषणा की है कि इस साल 19 जून से किसानों का पंजीयन शुरू होगा, यानी जिन किसानों ने गर्मियों में मूंग और उड़द की बंपर फसल ली है, अब उन्हें समर्थन मूल्य पर अपनी उपज बेचने का मौका मिलेगा.
मूंग और उड़द का समर्थन मूल्य
सरकार ने केंद्र को प्रस्ताव भेजा है और समर्थन मूल्य तय कर दिए हैं. मूंग का समर्थन मूल्य 8682 रुपये प्रति क्विंटल होगा. उड़द का समर्थन मूल्य 7400 रुपये प्रति क्विंटल होगा. इससे किसानों को बाजार के मुकाबले कहीं ज्यादा अच्छा दाम मिलेगा और उनकी मेहनत का उचित मूल्य सुनिश्चित होगा. मध्य प्रदेश के कुल 36 जिलों में मूंग की कटाई होती है. वहीं 13 जिलों में उड़द की कटाई होती है. मूंग का अनुमानित क्षेत्रफल लगभग 14.35 लाख हेक्टेयर है, जिससे करीब 20.23 लाख मीट्रिक टन उत्पादन होने की संभावना है. उड़द का क्षेत्रफल लगभग 0.95 लाख हेक्टेयर है और इसका उत्पादन लगभग 1.24 लाख मीट्रिक टन आंका गया है.
2- बैंक खाता विवरण (राष्ट्रीयकृत बैंक या जिला सहकारी बैंक)
4- भू-अधिकार ऋण पुस्तिका की फोटो प्रति
पंजीयन के बाद किसानों को खरीदी केंद्र पर उपज बेचने का मौका मिलेगा. हर किसान को खरीदी की पूरी रसीद और भुगतान का प्रिंटेड विवरण दिया जाएगा.
सरकार ने साफ निर्देश दिए हैं कि पूरी खरीदी प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए. समय पर तुलाई होगी. किसानों को तौल रसीद और समय पर भुगतान होगा. खरीदी का सारा रिकॉर्ड ऑनलाइन भी उपलब्ध रहेगा. सहकारी समितियां उपार्जन की जिम्मेदारी संभालेंगी. सरकार ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो. सरकार ने खरीदी के लिए गुणवत्ता के मानक भी तय किए हैं, यानी खराब या नमीयुक्त अनाज को खरीदी केंद्र पर नकारा जा सकता है. किसानों को सलाह दी गई है कि वे फसल को अच्छी तरह सुखाकर ही लेकर जाएं.
किसानों के दुख-सुख में साथ सरकार
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि हमारी सरकार किसानों के हर सुख-दुख में साथ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हम हर किसान को सम्मानजनक मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. कुल मिलाकर यह फैसला लाखों किसानों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है. ऐसे में हर किसान को अब 19 जून से पहले अपने दस्तावेज पूरे कर लेने चाहिए और समय पर पंजीयन कराकर अपनी मेहनत का पूरा लाभ लेना चाहिए.