असफल हुईं फिर भी नहीं मानी हार, सतना की रश्मि ने नीट में हासिल की 179 रैंक

असफल हुईं फिर भी नहीं मानी हार, सतना की रश्मि ने नीट में हासिल की 179 रैंक


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NEET Results Satna News: रश्मि सिंह ने कभी सोशल मीडिया का उपयोग नहीं किया. उनका न ही फेसबुक पर अकाउंट है और न ही इंस्टाग्राम पर. उन्होंने इंटरनेट का इस्तेमाल सिर्फ पढ़ाई के लिए किया.

सतना. मध्य प्रदेश के सतना जिले के खम्हरिया ग्राम पंचायत से ताल्लुक रखने वाली रश्मि सिंह ने नीट परीक्षा 2025 में शानदार प्रदर्शन करते हुए जिले का नाम प्रदेशभर में रोशन किया है. यह सफलता उन्होंने अपने पांचवें प्रयास में हासिल की है. रश्मि के पिता अनूप सिंह ग्राम पंचायत खमरिया के सरपंच हैं. रश्मि ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि ये उनका पांचवां प्रयास था और इस बार उन्होंने 720 में से 636 अंक अर्जित किए हैं. उन्होंने ऑल इंडिया लेवल पर 179वीं रैंक हासिल की है.

रश्मि सिंह की सबसे बड़ी खासियत रही कि उन्होंने कभी सोशल मीडिया का उपयोग नहीं किया. उनका न कोई फेसबुक अकाउंट है, न इंस्टाग्राम और न ही कोई अन्य सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म से वह जुड़ी हैं. इंटरनेट का इस्तेमाल उन्होंने केवल पढ़ाई के लिए किया, जिसमें यूट्यूब और वॉट्सएप पर क्लासेज और नोट्स ही शामिल रहे. अपनी सफलता के पीछे की मेहनत बताते हुए रश्मि ने कहा कि सामान्य दिनों में वह रोजाना 6 से 8 घंटे पढ़ती थीं लेकिन परीक्षा के अंतिम दो महीनों में उन्होंने दिनभर में 14-15 घंटे पढ़ाई की. इस अनुशासन और समर्पण का ही परिणाम है कि उन्होंने इतने बेहतरीन अंक हासिल किए.

बीमार भी पड़ीं, फिर भी नहीं टूटी हिम्मत
रश्मि सिंह के पहले प्रयास में उन्हें 325 अंक मिले थे और उसके बाद के वर्षों में अलग-अलग कारणों से NEET क्लियर नहीं हो पाया. एक समय ऐसा भी आया, जब उनकी तबीयत खराब हुई और इलाज के लिए उन्हें जबलपुर ले जाना पड़ा. इस दौरान उनका आत्मविश्वास भी डगमगाया लेकिन पिता अनूप सिंह ने हमेशा उन्हें प्रेरित किया और उनका हौसला बनाए रखा. बता दें कि रश्मि ने रामकृष्ण कॉलेज सतना से बीएससी बायोटेक और केमिस्ट्री में स्नातक किया है. अब उनका सपना है डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करना, विशेषकर उन गरीबों की जो बेहतर इलाज से वंचित रह जाते हैं.

‘बेटी ने हमारी उम्मीदों से ज्यादा अंक हासिल किए’
रश्मि की सफलता से पूरे परिवार में खुशी का माहौल है. पिता अनूप सिंह ने कहा कि उन्हें यकीन था कि बेटी नीट जरूर पास करेगी लेकिन उसने हमारी उम्मीदों से कहीं ज्यादा अंक लाकर पूरे परिवार का नाम रोशन कर दिया है. उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है और लगातार फोन आ रहे हैं. रश्मि की कहानी हर उस छात्र के लिए प्रेरणा है, जो बार-बार असफल होने पर हार मान लेता है.

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