खंडवा. मध्य प्रदेश में धार्मिक पर्यटन और तीर्थयात्रियों को बड़ा तोहफा मिलने वाला है. ठीक वैसे ही जैसे उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में हेलीकॉप्टर से यात्रा होती है, अब ओंकारेश्वर, महेश्वर और बुरहानपुर में भी ऐसी ही सेवा शुरू होने जा रही है. प्रदेश सरकार और टूरिज्म बोर्ड ने इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ा दिए हैं. पर्यटन विभाग ने इसके लिए बाकायदा टेंडर जारी कर दिया है. अगर सब कुछ योजना के मुताबिक चलता रहा, तो अगले दो महीनों में श्रद्धालु हेलीकॉप्टर से ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर सकेंगे. साथ ही महेश्वर के घाट, बुरहानपुर के ऐतिहासिक किले और धार्मिक स्थलों तक भी हवाई यात्रा संभव हो जाएगी.
कितना होगा किराया?
हेलीकॉप्टर सेवा शुरू होने के बाद श्रद्धालुओं को किफायती दरों पर हवाई यात्रा की सुविधा मिल सकेगी. किराये को लेकर बोर्ड और निजी कंपनियों के बीच बातचीत होगी. पहले भी उज्जैन-ओंकारेश्वर रूट पर हेलीकॉप्टर सेवा शुरू की गई थी, जिसका किराया 5000 रुपये प्रति व्यक्ति रखा गया था. हालांकि उस समय यात्रियों की रुचि कम होने से सेवा रुक गई थी. इस बार पूरी योजना को व्यापक बनाया जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालु और पर्यटक इसका लाभ ले सकें.
सरकार का मानना है कि इस योजना के लागू होने से न सिर्फ श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी बल्कि पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा. हवाई सुविधा से इन स्थलों तक पहुंच आसान होगी, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार, होटल इंडस्ट्री, टूर गाइड और परिवहन जैसे क्षेत्रों में नए अवसर मिलेंगे.
निजी कंपनियों को मिलेगा जिम्मा
हेलीकॉप्टर सेवाओं का संचालन निजी क्षेत्र की कंपनियों के माध्यम से किया जाएगा. कंपनियों से करार करने के लिए 10 जुलाई तक आवेदन लिए जाएंगे. इसके बाद टेंडर खोला जाएगा और योग्य कंपनियों का चयन किया जाएगा. अभी तक इन तीर्थ स्थलों तक पहुंचने के लिए लोग रेल, बस या निजी वाहनों का सहारा लेते हैं लेकिन आने वाले समय में इन सभी विकल्पों के साथ सस्ती हवाई सेवा भी एक मजबूत विकल्प बनकर सामने आएगी. खासतौर पर बुजुर्ग, महिला और दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए यह सेवा किसी वरदान से कम नहीं होगी.
नया अध्याय लिखेगा मध्य प्रदेश का टूरिज्म
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग से लेकर खजुराहो के मंदिरों तक और पचमढ़ी के प्राकृतिक सौंदर्य से लेकर बांधवगढ़ के जंगल तक, यह योजना मध्य प्रदेश के धार्मिक व पर्यटन नक्शे पर एक नया अध्याय लिखने जा रही है. अगर सबकुछ योजना के अनुसार चलता रहा, तो अगले दो माह के भीतर प्रदेश के श्रद्धालु हवाई यात्रा का आनंद ले सकेंगे.