लॉर्ड्स में बरसे थे बाउंसर…अंग्रेजों की नींद उड़ाने वाला बॉलर, धोनी के ट्रम्प कार्ड ने यूं पलट दी थी बाजी

लॉर्ड्स में बरसे थे बाउंसर…अंग्रेजों की नींद उड़ाने वाला बॉलर, धोनी के ट्रम्प कार्ड ने यूं पलट दी थी बाजी


India 2014 Lords Test Victory: भारतीय क्रिकेट टीम इन दिनों इंग्लैंड दौरे पर है. वहां 20 जून को 5 टेस्ट मैचों की सीरीज होगी. इसका तीसरा मुकाबला लॉर्ड्स में खेला जाएगा. टीम इंडिया के लिए इंग्लैंड का दौरा हमेशा से चुनौतीपूर्ण होता है. खासकर लॉर्ड्स में मैच जीतना तो हर टीम का सपना होता है. 2014 में भारतीय टीम को यहां एक ऐतिहासिक जीत मिली थी. उस मैच में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली टीम ने कमाल कर दिया था और हारी बाजी को अपने नाम किया था.

पहली पारी में फेल और दूसरी पारी में सुपरहिट

2014 में ईशांत शर्मा ने भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे यादगार स्पेल में से एक का प्रदर्शन किया. दाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज ने लॉर्ड्स में इंग्लैंड को बाउंसर पर नचा दिया और भारत को एक ऐतिहासिक टेस्ट जीत दिलाई. ईशांत आक्रामक थे और इंग्लिश बल्लेबाजों पर लगातार शॉर्ट गेंदों से हमला करते रहे. पहली पारी में एक भी विकेट नहीं लेने वाले इस गेंदबाज ने दूसरी पारी में 74 रन देकर 7 विकेट झटक लिए और प्लेयर ऑफ द मैच बने थे. धोनी की अगुवाई वाली टीम ने यह मुकाबला 95 रन से जीता.

लॉर्ड्स में ऐतिहासिक जीत

दोनों टीमों के बीच नॉटिंघम के ट्रेंट ब्रिज में पहला टेस्ट ड्रॉ रहा था. इसके बाद मुकाबला लॉर्ड्स में था. वहां टीम को ऐतिहासिक जीत मिली. इस प्रसिद्ध जीत से पहले भारत ने ‘क्रिकेट के मक्का’ में 82 साल में केवल एक टेस्ट जीता था. यह भारत के टेस्ट इतिहास में सबसे बेहतरीन जीतों में एक है.

 

 

लॉर्ड्स में क्या हुआ?

पहले बल्लेबाजी करने का न्यौता मिलने पर भारत ने अपनी पहली पारी में 295 रन बनाए. अजिंक्य रहाणे ने 103 और भुवनेश्वर कुमार ने 36 रन बनाए. इसके बाद इंग्लिश टीम ने पहली पारी में 319 रन बनाकर 24 रनों की बढ़त हासिल कर ली. उसके लिए गैरी बैलेंस ने 110 रन बनाए. भुवनेश्वर कुमार ने 6 विकेट लिए. दूसरी पारी में टीम इंडिया ने 342 रन बनाए. मुरली विजय ने 95, रवींद्र जडेजा ने 68 और भुवनेश्वर ने 52 रन बनाए थे. इंग्लैंड को जीत के लिए 319 रन का टारगेट मिला.

ये भी पढ़ें: ​इंग्लैंड के खिलाफ सबसे ज्यादा शतक ठोकने वाले भारतीय बल्लेबाज, टॉप-6 में एक से बढ़कर एक दिग्गज

काम आई बाउंसर की रणनीति

इसके बाद घरेलू टीम ने सिर्फ 72 रन पर अपने शीर्ष चार विकेट खो दिए. यहां से जो रूट और मोईन अली ने टिककर बल्लेबाजी की और पांचवें विकेट के लिए 101 रन जोड़े. पिच में कोई मूवमेंट नहीं था और भारत का समय समाप्त हो रहा था. दोनों बल्लेबाज सेट हो चुके थे और इंग्लैंड को जीत के लिए 150 से कम रन चाहिए थे. तभी धोनी ने ईशांत को गेंद दी और उन्हें लगातार बाउंसर फेंकने को कहा. यह रणनीति काम कर गई. ईशांत ने पहले सत्र के अंत से ठीक पहले एक खतरनाक बाउंसर पर मोईन को आउट कर दिया.

fallback

 

ईशांत ने किया था खुलासा

ईशांत ने गौरव कपूर के यूट्यूब शो ‘आइसोलेशन प्रीमियर लीग’ पर कहा था, “मोईन अली और रूट अच्छा खेल रहे थे, इसलिए माही भाई ने मुझसे शॉर्ट गेंदबाजी शुरू करने को कहा क्योंकि कुछ भी नहीं हो रहा था. उन्होंने मुझसे कहा कि नई गेंद लेने तक शॉर्ट गेंदबाजी करते रहो. लंच से ठीक पहले मोईन अली आउट हो गए. जब हम लंच के लिए जा रहे थे तो माही भाई ने मुझसे कहा कि वह मुझे छोटे स्पेल में गेंदबाजी करवाएंगे और मुझे शॉर्ट गेंदबाजी करनी होगी. मैंने उनसे कहा कि अब वह मुझे मैच के अंत तक गेंदबाजी करने दें.”

धोनी की गजब कप्तानी

इसके बाद धोनी ने ईशांत को उसी रणनीति पर कायम रहने को कहा और उन्हें एक डीप फाइन लेग, एक डीप स्क्वायर लेग और एक डीप मिडविकेट दिया. भारतीय तेज गेंदबाज ने फिर सात गेंदों के अंदर मैट प्रायर, बेन स्टोक्स और जो रूट को आउट कर दिया. इस तरह मैच पूरी तरह से भारत के पक्ष में हो गया. उन्होंने स्टुअर्ट ब्रॉड को भी आउट किया और 74 रन देकर 7 विकेट के अपने करियर के सर्वश्रेष्ठ आंकड़े दर्ज किए.  उन्होंने लगातार आठ ओवर फेंके और उस स्पेल में 41 रन देकर 5 विकेट लिए. रवींद्र जडेजा ने जेम्स एंडरसन को रन आउट करके मैच को समाप्त कर दिया.

ये भी पढ़ें: केन विलियम्सन ने चुनी टेस्ट की सर्वश्रेष्ठ प्लेइंग-11, बेस्ट फ्रेंड को दिया धोखा! चौंका देगा कप्तान का नाम

ईशांत ने किया था खुलासा

ईशांत ने एक इंटरव्यू में कहा था, “हम ड्रेसिंग रूम के अंदर गए. डंकन (तत्कालीन कोच डंकन फ्लेचर), माही भाई और मैं बैठे थे और बात कर रहे थे. फिर डंकन और माही भाई ने मुझसे पूछा- क्या आप फिर से गेंदबाजी करेंगे? मैंने कहा कि मैं खेल तक गेंदबाजी करूंगा. उन्होंने फिर कहा- लेकिन नहीं, आप इंसान हैं. आप थक जाएंगे. मैंने जोर देकर कहा- नहीं, अगर मैं थक जाता हूं, तो मुझे स्ट्रेचर पर बाहर निकाल देना. मैं तब तक वापस नहीं चलूंगा जब तक खेल खत्म नहीं हो जाता. तो यह सुनकर उन्हें भी लगा कि वह कब तक बाउंसर गेंदबाजी कर सकते हैं. ठीक है, उनकी प्रेरणा और एड्रेनालाईन अभी बहुत अधिक हैं. लेकिन वह कब तक जा सकते हैं? तो मैंने गेंदबाजी जारी रखी. खैर यह एक अलग बात है कि मैं घायल हो गया.”

धोनी ने की थी ईशांत की तारीफ

मैच के बाद धोनी ने ईशांत की जमकर तारीफ की थी. उन्होंने कहा था. ”लंच से पहले आखिरी ओवर ईशांत वास्तव में शॉर्ट गेंदबाजी नहीं करना चाहते थे. मैंने उनसे कहा था कि आपको इसे करना होगा और फिर मैं दूसरी तरफ मुड़ गया. उन्हें अपना विकेट मिला और फिर इससे उन्हें शॉर्ट गेंदबाजी जारी रखने, बल्लेबाज पर हमला करते रहने का आत्मविश्वास मिला. मुझे लगता है कि यह एक शानदार प्रदर्शन था.”



Source link