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Khargone News: कौआ अगर कमजोर और पतली टहनी पर घोंसला बनाता है, तो ग्रामीण मानते हैं कि इस बार आंधी-तूफान नहीं आएगा और सिर्फ हल्की बारिश होगी, यानी मौसम शांत रहेगा. ग्रामीणों का मौसम का यह पूर्वानुमान आज भी एकदम …और पढ़ें
खरगोन. मानसून से पहले हर कोई यही जानना चाहता है कि इस बार कितनी बारिश होगी. क्या तेज तूफान आएगा या सिर्फ रिमझिम बारिश होगी लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि मौसम विभाग की भविष्यवाणी का इंतजार किए बिना गांवों में लोग कौवे की हरकतों, उसके घोंसलों की ऊंचाई और बनाने की जगह को देखकर पूर्वानुमान लगा लेते हैं. किसान उसी के अनुसार खेतों में फसलों की बुआई करते हैं. मध्य प्रदेश के खरगोन के पर्यावरण प्रेमी डॉ बसंत सोनी लोकल 18 को बताते हैं कि बचपन से बड़े-बुजुर्गों से सुनते आए हैं और देखते भी आए हैं कि ग्रामीण लोग हर साल कौओं के घोंसलों को ध्यान से देखते हैं. उनका मानना है कि अगर कौआ पेड़ की मोटी और मजबूत टहनी पर घोंसला बनाता है, तो इस बार तेज आंधी-तूफान के साथ जबरदस्त बारिश होगी क्योंकि कौआ भी जानता है कि उसे अपने अंडों और बच्चों को बचाना है, इसलिए वह मजबूत जगह का चुनाव करता है.
कौवे की हरकतों पर नजर रखते हैं ग्रामीण
डॉ सोनी ने आगे कहा कि जब हवाओं में बदलाव आता है, नमी बढ़ती है या तापमान घटता है, तो कौवे की हरकतों में फर्क नजर आने लगता है. वह खाने-पीने के सामान को जल्दी छिपाने लगता है या बार-बार घोंसले की मरम्मत करता है. वहीं जिले के भीकनगांव, झिरन्या और कसरावद जैसे कई क्षेत्रों में तो हर साल लोग पेड़-पेड़ जाकर कौवे के घोंसलों को देखते हैं कि किस दिशा में घोंसला है, किस ऊंचाई पर है, किस शाखा पर है, ये सब देखकर ग्रामीण मौसम का अंदाजा लगाते हैं.