भोपाल में निजी स्कूल संचालकों का प्रदर्शन, 8000 स्कूलों की मान्यता पर संकट, RTE बच्चों के भविष्य पर खतरा

भोपाल में निजी स्कूल संचालकों का प्रदर्शन, 8000 स्कूलों की मान्यता पर संकट, RTE बच्चों के भविष्य पर खतरा


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Bhopal News: भोपाल में निजी स्कूल संचालकों, छात्रों और अभिभावकों ने राज्य शिक्षा केंद्र के बाहर प्रदर्शन किया, 8000 स्कूलों की मान्यता रद्द होने की आशंका जताई. कुछ बच्चों ने पोस्टर के माध्यम से अपनी शिक्षा बचान…और पढ़ें

भोपाल में निजी स्‍कूल संचालकों और छात्र-छात्राओं ने प्रदर्शन किया.

हाइलाइट्स

  • भोपाल में निजी स्कूल संचालकों का प्रदर्शन.
  • 8000 स्कूलों की मान्यता पर संकट.
  • RTE बच्चों के भविष्य पर खतरा.

शिवकांत आचार्य
भोपाल .
राजधानी में मंगलवार को निजी स्कूल संचालकों, छात्रों और अभिभावकों ने राज्य शिक्षा केंद्र के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया. इनका कहना है कि सरकार की त्रुटिपूर्ण नीतियों के चलते प्रदेश के लगभग 8000 निजी स्कूलों की मान्यता रद्द होने की कगार पर है, जिससे ना सिर्फ़ हज़ारों छात्रों की पढ़ाई खतरे में पड़ जाएगी, बल्कि हजारों शिक्षक भी बेरोजगार हो सकते हैं. प्रदर्शन में आरटीई (Right to Education) के तहत पढ़ने वाले छात्र और उनके अभिभावक भी शामिल हुए. हाथों में तख्तियां, नारों और भावनात्मक अपीलों के साथ प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि पोर्टल को दोबारा खोला जाए ताकि स्कूल मान्यता के लिए आवेदन कर सकें.

स्‍कूल संचालकों ने कहा कि यह सिर्फ़ स्कूलों की मान्यता का सवाल नहीं है, बल्कि हज़ारों छात्रों के भविष्य और शिक्षकों की रोज़ी-रोटी का भी मुद्दा है. ऐसे में सरकार और शिक्षा विभाग से यह अपेक्षा की जा रही है कि वो जल्द से जल्द इस मामले पर विचार करें और मान्यता बहाली की दिशा में सकारात्मक कदम उठाएं.

बच्चों और अभिभावकों की चिंता
प्रदर्शन में शामिल एक अभिभावक ने कहा, “हमारे बच्चों की पढ़ाई अच्छे निजी स्कूलों में हो रही थी. अब अगर मान्यता खत्म होती है, तो उन्हें फिर से सरकारी स्कूल में शिफ्ट करना पड़ेगा, जिससे उनका भविष्य प्रभावित होगा.” वहीं, कुछ बच्चों ने पोस्टर के माध्यम से अपनी शिक्षा बचाने की गुहार लगाई- “हमारा स्कूल मत बंद करो” जैसे नारे सुनाई दिए.

स्कूल संचालकों की पीड़ा
एक निजी स्कूल संचालक ने बताया, “हम छोटे स्तर पर बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे रहे हैं. लेकिन नियमों की जटिलताओं और पोर्टल बंद होने के कारण हमें मान्यता का आवेदन देने का मौका तक नहीं मिला. सरकार को चाहिए कि वह प्रक्रिया को लचीला बनाए और हमारी सुनवाई करे.”

RTE भुगतान और वित्तीय संकट
स्कूल संचालकों का यह भी आरोप है कि सरकार द्वारा RTE सीटों पर पढ़ने वाले बच्चों की फीस का भुगतान सालों से लंबित है. इससे स्कूलों को चलाना मुश्किल हो रहा है और शिक्षकों को समय पर वेतन देना तक संभव नहीं है.

सरकार की प्रतिक्रिया?
सरकारी स्तर पर अभी तक इस प्रदर्शन को लेकर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. हालांकि शिक्षा विभाग से जुड़े सूत्रों के अनुसार, प्रक्रिया में पारदर्शिता और नियमों का पालन सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है.

स्कूल संचालकों की मुख्य मांगें: 

  • पोर्टल को दोबारा खोला जाए – ताकि जो स्कूल मान्यता के लिए आवेदन नहीं कर पाए थे, वे प्रक्रिया में भाग ले सकें.
  • सभी निजी स्कूलों को समान अवसर और न्याय मिले.
  • RTE (निःशुल्क शिक्षा अधिकार) की सीटें फिर से बहाल की जाएं.
  • लंबित RTE भुगतान तुरंत किया जाए.
  • बिना पूर्व सूचना के स्कूल बंद करने की कार्रवाई रोकी जाए.

Sumit verma

सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्‍थानों में सजग जिम्‍मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प…और पढ़ें

सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्‍थानों में सजग जिम्‍मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प… और पढ़ें

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भोपाल में निजी स्कूल संचालकों का प्रदर्शन, 8000 स्कूलों की मान्यता पर संकट



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