सोनम-राजा मामले पर बन गया गाना, सिंगर ने गा-गाकर सुनाया पूरा किस्सा, मरद के मरले जनवा सोनमवा रे…

सोनम-राजा मामले पर बन गया गाना, सिंगर ने गा-गाकर सुनाया पूरा किस्सा, मरद के मरले जनवा सोनमवा रे…


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भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री किसी भी मामले में पीछे नहीं रहती. इधर कोई नया कांड होता नहीं है कि उधर उसपर फिल्म या गाना बना दिया जाता है. पहले मेरठ हत्याकांड और अब सोनम-राजा रघुवंशी केस के ऊपर भी गाना बना दिया गया है…और पढ़ें

हनीमून पर राजा की मौत का दर्द अब सुने भोजपुरी गाने में (इमेज- फाइल फोटो)

भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री अपनी तेजी और समसामयिक घटनाओं को कला में ढालने की काबिलियत के लिए जानी जाती है. चाहे मेरठ का कुख्यात हत्याकांड हो या हाल ही में मेघालय का सनसनीखेज राजा रघुवंशी हत्याकांड, भोजपुरी सिंगर्स हर घटना को गाने में पिरोने में माहिर हैं. अब इंदौर के कारोबारी राजा रघुवंशी की हनीमून के दौरान हत्या के मामले ने भी भोजपुरी गाने का रूप ले लिया है. गाना “मरद के मरले जनवा सोनमवा रे” सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें सिंगर ने सोनम रघुवंशी और उसके प्रेमी राज कुशवाह की साजिश को भावनात्मक और नाटकीय अंदाज में बयां किया है.

यह मामला मध्य प्रदेश के इंदौर से शुरू हुआ, जहां 29 वर्षीय ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी ने 11 मई 2025 को 24 वर्षीय सोनम से शादी की थी. शादी के 12 दिन बाद, 23 मई को, दोनों हनीमून के लिए मेघालय के शिलॉन्ग पहुंचे. लेकिन यह खुशी का सफर जल्द ही एक भयानक त्रासदी में बदल गया. मेघालय पुलिस के ‘ऑपरेशन हनीमून’ ने खुलासा किया कि सोनम ने अपने प्रेमी राज कुशवाह और तीन सुपारी किलर्स—आकाश राजपूत, विशाल ठाकुर और आनंद कुर्मी—के साथ मिलकर राजा की हत्या की साजिश रची. 23 मई को सोहरा के एक सुनसान जंगल में राजा को ले जाकर उसकी हत्या कर दी गई और उसका शव 2 जून को एक खाई में मिला.

बन गया गाना
इस सनसनीखेज मामले ने भोजपुरी गायकों का ध्यान खींचा और “मरद के मरले जनवा सोनमवा रे” गाना यूट्यूब और सोशल मीडिया पर छा गया. इस गाने में सिंगर ने राजा की हत्या और सोनम की बेवफाई को दर्दनाक अंदाज में पेश किया है. गाने के बोल न केवल कहानी को बयां करते हैं, बल्कि प्रेम, विश्वासघात और हत्या की भावनाओं को भी उजागर करते हैं.

गाना बनाने में एक्सपर्ट भोजपुरी सिंगर
यह गाना भोजपुरी इंडस्ट्री की उस प्रवृत्ति को दर्शाता है, जो समसामयिक घटनाओं को तुरंत गीतों में ढाल देती है. इससे पहले मेरठ हत्याकांड और अन्य चर्चित मामलों पर भी भोजपुरी गाने बन चुके हैं. यह गाना न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि समाज में विश्वासघात और अपराध की चर्चा को भी बढ़ावा देता है. हालांकि, कुछ लोग इस गाने की आलोचना भी कर रहे हैं. उनके मुताबिक, संवेदनशील मामलों को इस तरह गानों में बदलना अनुचित है.

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