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Chandel Mahal Chhatarpur: ग्रामीणों ने बताया कि इस चंदेलकालीन महल की जर्जर हालत चोरों ने की है. चोर महल में खजाने के लालच में आते थे. वे यहां रात-रातभर खुदाई करते, जिससे महल के पत्थर यहां-वहां हो गए.
छतरपुर. मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के प्रकाश बम्हौरी में एक ऐसा महल है, जिसे चंदेलकालीन बताया जाता है. ग्रामीण बताते हैं कि इस महल में राजा-रानी रहते थे. ग्रामीणों के मुताबिक, आज से 25 साल पहले यह महल बिल्कुल सही सलामत था. यहां एक बड़ा सा तालाब भी है, जिसके किनारे पहाड़ पर यह महल बसा है. बगल में घुइंयारानी का स्थान है, जहां मेला लगता था लेकिन चोरों के आतंक की वजह से आज यह महल जर्जर अवस्था में है. ग्रामीणों का कहना है कि किसी समय पर इस महल को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते थे. महल के किनारे एक तालाब भी है. यहां मेला भी लगता था लेकिन अब महल जर्जर हालत में है. राज्य पुरातत्व विभाग को भी कई बार पत्र लिखे हैं लेकिन इस धरोहर के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए.
आज भी खोदने आते हैं गड़ा हुआ धन
ग्रामीण बताते हैं कि इस महल में आज भी चोर आते हैं. इस महल की धन-संपत्ति, खजाने को लेकर कई तरह की अफवाहें फैली हुई हैं. कुछ बुजुर्ग बताते हैं कि यहां बहुत से लोगों को गड़ा धन मिला है, इसलिए आज भी इस महल में रात में चोर आते हैं. बता दें कि शहर और गांव के बाहर यह महल बना हुआ है. यहां तक जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है. खेतों में गाड़ियों के टायर से बने कच्चे रास्ते को फॉलो करते हुए महल तक पहुंचते हैं. महल के पास पहुंचते ही यहां का नजारा अद्भुत होता है. पहाड़ में इस महल को बनाया गया था. महल से नीचे उतरते ही खूबसूरत तालाब है. कुल मिलाकर जैसा ग्रामीणों ने बताया था कि यहां चोर धन-संपत्ति को खोदने आते हैं, जिसकी वजह से यहां के पत्थर इधर-उधर कर दिए गए हैं, लोकल 18 संवाददाता को भी महल के भीतर खुदाई दिखाई दी. पत्थरों को हटाकर खुदाई की गई थी. बाद में इन्हीं पत्थरों को रख दिया गया लेकिन व्यवस्थित नहीं हो पाए.