MP Politics : युवा कांग्रेस में नई राजनीति, MP में संगठन चुनाव से बदलेगा पार्टी का चेहरा?

MP Politics : युवा कांग्रेस में नई राजनीति, MP में संगठन चुनाव से बदलेगा पार्टी का चेहरा?


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MP Congress Politics : मध्य प्रदेश में युवा कांग्रेस संगठन चुनाव 20 जून से 19 जुलाई तक चलेगा, जिसमें युवाओं को संगठन की कमान सौंपने की तैयारी है. महासचिव पद के लिए 178 और प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए 18 उम्मीदवार म…और पढ़ें

एमपी में यूथ कांग्रेस को लेकर सरगर्मियां बढ़ी हैं.

हाइलाइट्स

  • युवा कांग्रेस चुनाव 20 जून से 19 जुलाई तक
  • महासचिव पद के लिए 178 उम्मीदवार मैदान में
  • प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए 18 उम्मीदवारों की रेस

मध्य प्रदेश में युवा कांग्रेस संगठन चुनाव को लेकर हलचल चरम पर है. 20 जून से 19 जुलाई तक चलने वाली सदस्यता और मतदान प्रक्रिया सिर्फ एक औपचारिक चुनाव नहीं, बल्कि कांग्रेस पार्टी के भविष्य की रणनीति और सोच की झलक है. इस चुनाव से साफ हो रहा है कि पार्टी अब युवाओं को सिर्फ पोस्टर लगाने और नारे लगाने तक सीमित नहीं रखना चाहती, बल्कि उन्हें संगठन की कमान सौंपने की तैयारी में है. प्रदेश में एक ही सदस्य को छह पदों पर वोट देने का अधिकार दिया गया है-यह प्रयोग न केवल भागीदारी को बढ़ाता है, बल्कि हर सदस्य को संगठनात्मक शक्ति भी देता है.

ब्लॉक स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक, हर वोट कांग्रेस की युवा रीढ़ को आकार देगा. लेकिन साथ ही यह चुनौतीपूर्ण भी है- क्या यह प्रक्रिया सिर्फ दिखावटी लोकतंत्र बनेगी या इससे वास्तव में जनाधारित नेतृत्व उभरेगा? मध्य प्रदेश में युवा कांग्रेस का यह चुनाव एक संभावनाओं से भरा प्रयोग है. अगर इस प्रक्रिया से वाकई में योग्य, मेहनती और दूरदर्शी युवा नेता उभरते हैं, तो यह सिर्फ संगठन को नहीं, बल्कि पार्टी के समूचे चरित्र को नया आयाम देगा. लेकिन यदि यह भी परंपरागत ‘समर्थन-सिस्टम’ का खेल बनकर रह गया, तो यह मौका मिस्ड ऑपर्च्युनिटी में बदल जाएगा.

महासचिव पद बना मैदान-ए-जंग
178 उम्मीदवारों का महासचिव पद के लिए मैदान में उतरना दिखाता है कि संगठन में अवसर को लेकर कितनी तीव्र भूख है. यह भी एक संकेत है कि युवा नेता अब प्रतीक्षा नहीं, प्रतिस्पर्धा के माध्यम से खुद को स्थापित करना चाहते हैं. मगर सवाल यह भी उठता है कि क्या इतने बड़े पैमाने पर उम्मीदवारों का सामने आना आंतरिक एकजुटता को प्रभावित करेगा?

18 उम्मीदवारों की रेस: प्रदेश अध्यक्ष पद का घमासान
प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए 18 नामांकन यह साबित करता है कि अब नेतृत्व केवल कुछ गिने-चुने चेहरों तक सीमित नहीं रहा. जावेद पटेल से लेकर योगिता सिंह और नीरज पटेल तक, हर उम्मीदवार का प्रोफाइल अलग है -कोई ज़मीनी कार्यकर्ता है, कोई युवा एक्टिविस्ट, तो कोई छात्र राजनीति की देन. ऐसे में पार्टी के सामने यह कठिन सवाल भी है कि क्या यह चुनाव वास्तव में मेरिट पर आधारित चयन देगा, या अंततः वही नाम चलेगा जो किसी बड़े नेता का समर्थन हासिल करेगा?

डिजिटल और सस्ते सदस्यता मॉडल की राजनीति
₹50 की सदस्यता शुल्क और डिजिटल रजिस्ट्रेशन ने इस प्रक्रिया को अधिक सहज और पारदर्शी बनाया है. इससे न केवल आम युवा तक पहुंच बनी है, बल्कि राजनीतिक अभिजात वर्ग और आम कार्यकर्ता के बीच की दूरी भी कम होने की संभावना है.

कांग्रेस के लिए यह क्यों अहम है?
देशभर में कांग्रेस युवाओं के बीच अपनी खोई पकड़ फिर से पाने की कोशिश कर रही है. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा, छात्र संगठन NSUI की सक्रियता, और अब युवा कांग्रेस का यह चुनाव- इन सबका मकसद है एक ऐसी नई कांग्रेस बनाना जो ज़मीन से जुड़ी हो, मुद्दों पर बात करे और चुनावों में धार दिखा सके.

Sumit verma

सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्‍थानों में सजग जिम्‍मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प…और पढ़ें

सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्‍थानों में सजग जिम्‍मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प… और पढ़ें

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