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Jungali Aalu Farming: जंगली आलू की लगातार खेती की जाए, तो एक एकड़ जमीन से चार लाख रुपये तक का मुनाफा कमाया जा सकता है. बाजार में इसका थोक रेट 30 रुपये किलो तक और रिटेल में 40 से 60 रुपये किलो तक होता है.
सागर. बुंदेलखंड भले ही तेजी से समृद्धता की ओर बढ़ रहा हो लेकिन अभी यहां के किसानों ने अपनी जड़ों को छोड़ा नहीं है. पुराने समय में जिस तरह से अलग-अलग प्रकार की खेती की जाती थी, उसे कई किसान आज भी विरासत के रूप में या विलुप्तप्राय बीजों को बचाने के रूप में कार्य कर रहे हैं. ऐसे ही एक ट्राइबल एरिया का कंद अंगीठा होता है, जो विदारीकंद की प्रजाति में आता है और इसे बुंदेलखंड में रत आलू या जंगली आलू के नाम से जाना जाता है. इसकी खास बात यह है कि यह जंगलों और पथरीली जमीन पर भी बंपर उत्पादन देता है. किसानों की मानें, तो एक एकड़ में इसका 200 क्विंटल तक का उत्पादन आराम से निकाला जा सकता है. उपवास में इसका उपयोग किया जाता है. इससे अचार, मुरब्बा या डिहाइड्रेट करके आटा बनाया जाता है.
कब लगाया जाता है जंगली आलू?
जंगली आलू को जून-जुलाई के महीने में ही लगाया जाता है. जब बारिश हो जाती है, तो इसकी बिजोरी बनाकर लगा देते हैं. इसमें न तो कोई बीमारी लगती है, न ही खाद की जरूरत पड़ती है, न किसी तरह का कीटनाशक का छिड़काव करना पड़ता है और न ही ज्यादा पानी की जरूरत होती है.