सुशील कौशिक,ग्वालियर: ग्वालियर अब शस्त्रों के शहर के रूप में पहचान बना रहा है एक ओर लाइसेंसी हथियार स्टेटस सिंबल बनते जा रहे हैं, तो दूसरी ओर अवैध हथियार खौफ का पर्याय बन चुके हैं. हालात ऐसे हैं कि मामूली विवादों में भी अब फायरिंग आम बात हो गई है. आंकड़ों पर नज़र डालें तो स्थिति वाकई चिंता जनक है.
ग्वालियर जिले में जहां करीब 32,000 लाइसेंसी हथियार दर्ज हैं, वहीं इससे चार गुना ज्यादा अवैध हथियार मौजूद होने की आशंका जताई जा रही है. पिछले 45 दिनों में 65 से ज्यादा अपराध ऐसे सामने आए हैं जिनमें अवैध हथियारों का प्रयोग किया गया.
हर बात पर फायरिंग, हर इलाका बना जंग का मैदान
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पुलिस की सख्त कार्रवाई, लेकिन डर कायम
एएसपी कृष्ण लालचंदानी के मुताबिक, पुलिस ने पिछले डेढ़ महीने में अवैध हथियारों से जुड़े मामलों में सख्त कदम उठाए हैं. अब तक:
08 अवैध पिस्टल,
साथ ही 65 एफआईआर दर्ज की गई हैं. फिर भी, शहरवासियों का मानना है कि जब तक इन हथियारों की आपूर्ति पर पूरी तरह रोक नहीं लगेगी, तब तक डर खत्म नहीं होगा.
क्या ग्वालियर बनता जा रहा है ‘गन सिटी’?
लोगों में डर है कि हर आम बात पर गोलियां चलने लगी हैं कोई हिसाब नहीं कि किस दिन, किस वजह से, कौन गुस्से में ट्रिगर दबा देगा. ये समाज के ताने-बाने को चीरती हुई वह सच्चाई है जिसे अब नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता.