अब नॉर्मल से नहीं चलेगा काम! पॉलीहाउस Farming से बारिश में भी करें टमाटर-गुलाब की खेती, सरकार दे रही 50% सब्सिडी

अब नॉर्मल से नहीं चलेगा काम! पॉलीहाउस Farming से बारिश में भी करें टमाटर-गुलाब की खेती, सरकार दे रही 50% सब्सिडी


Last Updated:

Agriculture News: बघेलखंड के किसानों को पॉलीहाउस खेती में सरकार का भरपूर समर्थन मिल रहा है. निर्माण पर 50% और अंदर की फसल पर अलग अनुदान मिल रहा है.

हाइलाइट्स

  • पॉलीहाउस खेती पर 50% सब्सिडी मिल रही है.
  • MPFSTS पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं.
  • पॉलीहाउस में बारिश में भी फसलें उगाई जा सकती हैं.

सतना. बघेलखंड क्षेत्र में अब पॉलीहाउस की खेती तेजी से लोकप्रिय हो रही है. पारंपरिक खेती की तुलना में संरक्षित खेती न सिर्फ मौसम की मार से बचाती है, बल्कि इससे किसानों को अच्छी आमदनी भी हो रही है. किसानों को पॉलीहाउस निर्माण में सहयोग देने के लिए उद्यानिकी विभाग की ओर से विशेष अनुदान योजना चलाई जा रही है, जिससे इस तकनीक को अपनाना अब और आसान हो गया है.

कैसे करें आवेदन? ये है प्रक्रिया
लोकल 18 से बातचीत में सोहावल विकासखंड की वरिष्ठ उद्यानिकी अधिकारी सुधा पटेल ने जानकारी दी कि किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए MPFSTS पोर्टल पर जाकर पंजीयन कर सकते हैं. इसके लिए जरूरी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, फोटो, बैंक पासबुक और बी-1 की नकल अपलोड करनी होगी. पंजीयन के बाद किसान को संरक्षित खेती विकल्प के अंतर्गत पॉलीहाउस योजना में आवेदन करना होगा.

क्या है पॉलीहाउस?
पॉलीहाउस एक विशेष प्रकार का स्ट्रक्चर होता है जिसमें पॉलीथिन शीट लगाकर एक बंद वातावरण तैयार किया जाता है. इसमें किसान ऑफ सीजन में टमाटर, गुलाब, शिमला मिर्च जैसी फसलें आसानी से उगा सकते हैं. बारिश के मौसम में जब खुले खेतों में खेती करना मुश्किल हो जाता है तब पॉलीहाउस में फसलें बिना किसी रुकावट के उगाई जा सकती हैं.

लागत और अनुदान की गणना
पॉलीहाउस निर्माण के लिए 1000 रुपये प्रति वर्ग मीटर की लागत आती है. किसान 1008 वर्ग मीटर से लेकर 2500 वर्ग मीटर तक के पॉलीहाउस के लिए आवेदन कर सकते हैं. उदाहरण के तौर पर 2500 वर्ग मीटर क्षेत्रफल पर पॉलीहाउस बनाने में लगभग 25 लाख रुपये की लागत आती है जिसमें 50% यानी करीब 12.5 लाख रुपये का अनुदान दिया जाता है.

अंदर की खेती पर भी अलग अनुदान
पॉलीहाउस के अंदर की जाने वाली सब्जियों की खेती पर 150 रुपये प्रति वर्ग मीटर और फूलों की खेती पर 50% प्रति वर्ग मीटर का अतिरिक्त अनुदान मिलता है. यानी सिर्फ ढांचा ही नहीं अंदर की खेती को भी अनुदान राशि मिल रही है.

सतना ज़िले में सात पॉलीहाउस ऐक्टिव
वर्तमान में सतना जिले के सोहावल, नागौद, मैहर, रामपुर और उचेहरा क्षेत्रों में कुल 7 पॉलीहाउस परियोजनाएं सक्रिय हैं. अधिकारी सुधा पटेल के अनुसार यह संख्या लगातार बढ़ रही है और किसानों में इसके प्रति रुचि तेजी से बढ़ रही है.
यह योजना बघेलखंड के किसानों को आधुनिक खेती की ओर प्रेरित कर रही है और आने वाले समय में यह क्षेत्र संरक्षित खेती का बड़ा केंद्र बन सकता है

Anuj Singh

Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digiatal), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked …और पढ़ें

Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digiatal), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked … और पढ़ें

homeagriculture

पॉलीहाउस Farming से बारिश में भी करें टमाटर-गुलाब की खेती, सरकार दे रही सब्सिड



Source link