गेहूं के ड्रम में डाल दें 2 रूपए की ये छोटी चीज, चाहे कितनी भी बारिश हो जाए नहीं लगेंगे घुन

गेहूं के ड्रम में डाल दें 2 रूपए की ये छोटी चीज, चाहे कितनी भी बारिश हो जाए नहीं लगेंगे घुन


अनुज गौतम, सागर: मानसून आते ही ठंडी बयार, शीतल रिमझिम और धरती पर हरी चादर बिछने जैसा एहसास होता है. खेतों से लेकर पहाड़ी ढलानों तक फैली रंगत और कलकल बहती नदियों का सुकून कुछ अलग ही मज़ा देता है. मगर जैसे ही बारिश बढ़ती है, वहीँ पीछे छूट जाता है अनाज के दर्जनों सवाल कीड़े, घुन, और नमी की मार की वजह से अगर सही प्रबंधन ना हो, तो एक सीज़न भर का फसल का संग्रह बर्बाद हो सकता है.

हम इस आर्टिकल में आपको बताएंगे कि कैसे 2 रूपए की चीज से आप अपने फसल घुन, नमी और कीड़े की समस्या से बचा सकते हैं.यह उपाय अपनाने में खर्च लगभग ₹2–₹5 प्रति किलो होता है और असर कई सालों तक रहता है.

चूना पत्थर और नीम के पत्तों का चमत्कार
सबसे पहले एक बड़ा सूखा बर्तन, स्टील की टंकी, प्लास्टिक का ड्रम या बॉक्स लें

नीम की ताज़ा पत्तियाँ चार घंटे धूप में सुखाएँ, फिर फैब्रिक में बांधें.

चूना पत्थर को कपड़े में लपेटकर वही फैब्रिक बैग बनाएं.

ड्रम में अनाज डालें और उसके अंदर सबसे नीचे, बीच में और ऊपर ये तीन-तीन पोटलियां (चूना+नीम) रखें.

ढक्कन कसकर बंद करके हवा-नमी से सुरक्षित पैक करें.

जैसे ही नमी होगी, चूना पत्थर उसे सोख लेगा और नीम की पत्तियाँ कीटनाशक का काम करेंगी. इस तरह 4–5 साल तक अनाज जैसे का तैसा रह सकता है बिना कीट या नमी की वजह से खराब हुए.

आकाश चौरसिया का जैविक उपाय
यह उपाय आकाश चौरसिया नामक जैविक कृषि विशेषज्ञ करते आ रहे हैं, जो सागर (मध्य प्रदेश) में 100 से अधिक विलुप्तप्राय अनाज संरक्षण के लिए इस फार्मूले को अपना रहे हैं. आकाश कहते हैं कि इस तकनीक से उन्होंने बीजों की तासीर बचाई है और कीटों को भी सालों तक दूर रखा है.

क्यों है यह तरीका असरदार?
चूना पत्थर: स्वाभाविक नमी सोखने में मदद करता है “ह्यूमिडिटी कंट्रोल”

नीम की पत्तियाँ: प्राकृतिक कीटनाशक कीड़ों को दूर भगा देती हैं

कपड़े में पोटलियाँ: नमी और कीड़े सीधे अनाज के संपर्क में आने से रोकती हैं



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