मौके पर मौजूद मप्र महाराष्ट्र के तहसीलदार और राजस्व विभाग की टीम।
बुरहानपुर में मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा पर 40 वर्षों से बंद एक रास्ते का विवाद आखिरकार सुलझ गया है। यह रास्ता मध्य प्रदेश के लोनी गांव और महाराष्ट्र के जलगांव जिले की रावेर तहसील के चोरवड़ गांव को जोड़ता है।
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दोनों राज्यों के किसानों ने 4-4 फीट जमीन पर फसल लगाकर रास्ता अवरुद्ध कर दिया था। इससे लगभग डेढ़ किलोमीटर का मार्ग बंद हो गया था। मंगलवार को जन सुनवाई में एक किसान की शिकायत के बाद बुरहानपुर कलेक्टर ने इस मामले को संज्ञान में लिया। बुरहानपुर और जलगांव कलेक्टर के निर्देश पर कार्रवाई हुई, क्योंकि किसान ने दोनों जगह शिकायत की थी।
इसके बाद बुधवार शाम जलगांव के रावेर तहसीलदार बंडु कापसे और बुरहानपुर तहसीलदार प्रवीण ओहरिया ने लोनी गांव में किसानों से चर्चा की। आपसी सहमति के बाद एक किसान ने स्वेच्छा से अपनी केले की फसल को जेसीबी से हटवा दिया।
फोटो- एक किसान ने जेसीबी से केला फसल कटवाई।
खेतों तक ट्रक ला सकेंगे किसान
तहसीलदार प्रवीण ओहरिया ने बताया कि इस रास्ते के खुलने से करीब 40 किसानों को लाभ होगा। अब वे अपने खेतों तक ट्रक ला सकेंगे और फसलों की ढुलाई आसानी से कर पाएंगे। पहले रास्ता बंद होने के कारण उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता था।
दोनों राज्यों के प्रयासाें से सुलझा विवाद
दोनों राज्यों की राजस्व टीमों के प्रयासों से चार दशक पुराना यह विवाद सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझ गया है। इससे क्षेत्र के किसानों को बड़ी राहत मिली है।