कांग्रेस में घमासान! नरेला की बैठक में मारपीट, भाजपा बोली- इस पार्टी की दुर्गति थी, है और रहने वाली है

कांग्रेस में घमासान! नरेला की बैठक में मारपीट, भाजपा बोली- इस पार्टी की दुर्गति थी, है और रहने वाली है


भोपाल. भोपाल में कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान के दौरान फिर से विवाद और हाथापाई की घटनाएं सामने आई हैं. शनिवार को नरेला विधानसभा क्षेत्र में आयोजित कांग्रेस की बैठक के दौरान नेताओं के समर्थकों के बीच जमकर झड़प हुई. पार्टी के अंदरूनी मतभेद और गुटबाजी अब खुलकर सामने आ रही है. यह घटनाक्रम संगठनात्मक मजबूती के उद्देश्य से चलाए जा रहे अभियान की गंभीरता पर भी सवाल खड़े कर रहा है.

नरेला में हुई बैठक में दो गुटों के समर्थक आपस में भिड़ गए. एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप के बाद मामला धक्का-मुक्की और हाथापाई तक पहुंच गया. स्थिति को संभालने के लिए वरिष्ठ नेताओं को बीच-बचाव करना पड़ा. इससे पहले, दो दिन पहले मध्य विधानसभा क्षेत्र में भी कांग्रेस की बैठक में इसी तरह की मारपीट की घटना हुई थी, जिसने पार्टी के अंदर चल रही अंतर्कलह को उजागर कर दिया था.

जहां एक ओर कांग्रेस संगठन को मजबूत करने के लिए अभियान चला रही है, वहीं दूसरी ओर आपसी टकराव उसकी छवि को नुकसान पहुंचा रहा है. खासकर ऐसे समय में जब प्रदेश में गौ सम्मेलन जैसी धार्मिक-सामाजिक गतिविधियाँ जोरों पर हैं और सभी राजनीतिक दल अपने-अपने एजेंडे को साधने की कोशिशों में लगे हैं.

इस बीच कांग्रेस की ओर से एक बड़ी मांग भी उठाई गई है. पूर्व कानून मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने एक बयान में कहा कि कांग्रेस, ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंदजी की उस मांग का समर्थन करती है जिसमें गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की बात कही गई है. शर्मा ने कहा कि यदि वास्तव में गौ माता को बचाना है, तो उन्हें राष्ट्रीय पशु का दर्जा दिया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि देश में हजारों गोशालाएं हैं, जिनमें सीमित संसाधनों के कारण गायों की देखरेख नहीं हो पा रही है. सरकार को गोशालाओं के लिए मिलने वाली राशि में बढ़ोतरी करनी चाहिए ताकि वहां रहने वाली गायों को बेहतर भोजन, स्वास्थ्य सुविधा और देखभाल मिल सके. इसके साथ ही उन्होंने सड़कों और खासकर हाईवे पर घूम रही आवारा गायों को हटाने की बात भी जोरदार ढंग से रखी. शर्मा का कहना था कि सड़कों पर गायों का यूं घूमना उनके लिए भी खतरनाक है और वाहन चालकों के लिए भी. इससे दुर्घटनाएं बढ़ती हैं.

कांग्रेस इस मांग के ज़रिए स्पष्ट रूप से हिंदुत्व और सांस्कृतिक मूल्यों को लेकर भाजपा के एकाधिकार को चुनौती देने की कोशिश कर रही है. जहां एक ओर पार्टी आंतरिक संगठन को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है, वहीं दूसरी ओर गाय को लेकर उठाई गई यह मांग भाजपा के एजेंडे पर भी असर डाल सकती है.

हालांकि, पार्टी के भीतर हो रही झड़पें और सार्वजनिक रूप से सामने आ रही अनुशासनहीनता कांग्रेस के लिए एक गंभीर संकट भी बन सकती हैं, खासकर तब जब पार्टी प्रदेश में अपनी सियासी जमीन दोबारा मजबूत करने की कोशिश में लगी हुई है.

वहीं भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने कांग्रेस की बैठकों में हो रहे विवादों पर तीखा तंज कसा. उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस नेताओं की बैठकों में कपड़े फटते हैं और जूतमपैजार होती है, तो उन्हें लगता है कि कांग्रेस अभी जिंदा है. शर्मा ने कांग्रेस पर गुंडागर्दी का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके नेताओं में यह प्रवृत्ति पुरानी है. उन्होंने कहा कि जीतू पटवारी और राहुल गांधी सर्जन करें या विसर्जन, कांग्रेस की दुर्गति तय है.

रिपोर्ट- वासु चौरे



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