धान-गेहूं भूल जाइए! इस फूल की बारहों महीने खेती से कमाएं लाखों, सरकार दे रही 40% सब्सिडी

धान-गेहूं भूल जाइए! इस फूल की बारहों महीने खेती से कमाएं लाखों, सरकार दे रही 40% सब्सिडी


Satna News: अगर आप खेती से कम समय में अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो गेहूं, धान या दालों के बजाय फूलों की खेती की ओर रुख करना फायदेमंद साबित हो सकता है. खासकर गेंदे के फूल की खेती न केवल बारहों महीने की जा सकती है, बल्कि इसके लिए मध्य प्रदेश शासन की तरफ से आकर्षक सब्सिडी भी उपलब्ध है. सतना जिले के कई किसान इस खेती को अपनाकर लाखों रुपये कमा रहे हैं.

लोकल 18 से खास बातचीत में सोहावल विकासखंड की वरिष्ठ उद्यानिकी अधिकारी सुधा पटेल ने बताया कि हॉर्टिकल्चर विभाग द्वारा गेंदे की खेती को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी योजना चलाई जा रही है. गेंदे की खेती की अनुमानित लागत प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपये आती है, जिसमें से 40% यानी करीब 20,000 रुपये की सब्सिडी विभाग द्वारा दी जाती है.

कैसे उठाये योजना का लाभ? 
गेंदे की खेती के लिए किसान उद्यानिकी विभाग की वेबसाइट पर जाकर या नजदीकी उद्यानिकी कार्यालय में संपर्क करके आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए किसान को फोटो, आधार कार्ड, बैंक पासबुक, बी-1 और जाति प्रमाणपत्र (एससी, एसटी) जैसे दस्तावेजों की जरूरत होती है. पंजीयन के बाद पुष्प क्षेत्र विस्तार योजना में अप्लाई कर लें, जितने रकबे में लाभ चाहिए.

कितना मिलेगा लाभ?
इस योजना के अंतर्गत किसान कम से कम 250 वर्गमीटर से लेकर अधिकतम 2 हेक्टेयर (लगभग 5 एकड़) भूमि पर गेंदे की खेती के लिए आवेदन कर सकते हैं. विभाग की ओर से न केवल मुफ्त में बीज उपलब्ध कराए जाते हैं, बल्कि यदि किसान स्वयं बीज खरीदता है और उसका जीएसएटी बिल विभाग को देता है तो उसे उस पर भी 40% की सब्सिडी मिलती है.

कब से कब तक रहता है बाज़ार गर्म?
विशेषज्ञों के अनुसार, सितंबर में गेंदे की नर्सरी तैयार कर ली जाए तो नवंबर से इसका उत्पादन शुरू हो जाता है. यह सीजन मई तक चलता है. धार्मिक आयोजनों, त्योहारों, शादियों और सावन-दशहरा , दिवाली आदि जैसे मौकों पर फूलों की भारी डिमांड रहती है. बाजार में गेंदे का भाव 30 से 50 रुपये किलो तक पहुंचता है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा होता है.

इस किसानों को मिला फायदा
सतना और मैहर क्षेत्र के डेहुयटा ग्राम के राजपाल कुशवाहा, बरहना ग्राम के जितेंद्र कुशवाहा, पवैया ग्राम के आदर्श सिंह, बेलहटा ग्राम के यमुना प्रसाद केवट और ध्रुव प्रसाद केवट जैसे किसान इस योजना का लाभ उठाकर लाखों की कमाई कर रहे हैं. उन्होंने विभाग से फ्री बीज लेकर खेती की शुरुआत की और आज वे फूलों की खेती को एक व्यवसायिक मॉडल के रूप में सफलतापूर्वक चला रहे हैं.



Source link