न बोल सकतीं, न सुन सकतीं… लेकिन डास ऐसा कि माधुरी दीक्षित भी देखती रह जाएं, देखें वीडियो

न बोल सकतीं, न सुन सकतीं… लेकिन डास ऐसा कि माधुरी दीक्षित भी देखती रह जाएं, देखें वीडियो


छतरपुर : वे बोल नहीं सकतीं, सुन भी नहीं सकतीं. लेकिन जब मंच पर कदम थिरकाते हैं, तो हर आंख नम हो जाती है और हर दिल गर्व से भर उठता है. छतरपुर के निर्वाना फाउंडेशन में ऐसी ही दिव्यांग बच्चियों को डांस की कला सिखाई जा रही है – और उनका हुनर देख हर कोई हैरान है.

इन बच्चियों को न केवल नृत्य सिखाया जा रहा है, बल्कि उनकी भीतर छिपी प्रतिभा को मंच और सम्मान भी दिया जा रहा है. जो समाज अक्सर इन बच्चों को ‘अलग’ मानता है, उन्हें ये बच्चियां बता रही हैं कि वे किसी भी ‘सामान्य’ बच्चे से कम नहीं हैं.

देश मेरा रंगीला पर थिरके कदम, थम गई सांसें
हाल ही में जब निर्वाना फाउंडेशन के संस्थापक संजय सिंह ने साइन लैंग्वेज में बच्चियों से पूछा कि कौन-से गाने पर डांस करना चाहती हो, तो उन्होंने “देश मेरा रंगीला” गाने की इच्छा जताई. जैसे ही गाना बजा, इन बच्चियों ने ऐसा प्रदर्शन किया कि देखने वालों ने दांतों तले उंगली दबा ली.

सटीक टाइमिंग, स्टेप्स परफेक्ट
बिना गाने को सुने, सिर्फ विजुअल संकेतों और अनुभव के आधार पर इन बच्चियों ने इतना परफेक्ट को-ऑर्डिनेशन दिखाया कि एक पल को यह एहसास ही नहीं हुआ कि ये मूक-बधिर हैं. हर स्टेप गाने के भाव और बीट्स के साथ पूरी तरह मेल खा रहा था.

विजुअल ट्रेंनिंग और अभ्यास का कमाल
संजय सिंह बताते हैं कि इन बच्चियों को साइन लैंग्वेज के ज़रिए डांस सिखाया जाता है. गाने के चित्रों और सीन के विजुअल्स दिखाकर उन्हें रिदम और मूवमेंट समझाया जाता है. प्रशिक्षित टीचर हफ्ते में कई दिन आकर अभ्यास करवाते हैं.

“यह बच्चियां भी सामान्य हैं”
संजय का कहना है कि लोग अक्सर इन बच्चों को ‘दिव्यांग’ कहकर अलग करते हैं, लेकिन ये भी उतने ही सामान्य हैं जितना कोई और बच्चा. अगर उन्हें सही गाइडेंस, शिक्षा और अवसर मिले, तो वे किसी भी मंच पर देश का नाम रोशन कर सकती हैं.

इन बच्चियों का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, और लोगों की नजर में ये नई पीढ़ी की प्रेरणास्रोत बन चुकी हैं.



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