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International Day of Yoga 2025: इस उपलक्ष्य में आपने कई ऐसे योग देखे होंगे, जो बेहद आसान हैं. लेकिन, अवंतिका नगरी में शिप्रा नदी के बीचोबीचो छोटे बच्चों नें जो मुद्रा की, लोग देखते रह गए…
हाइलाइट्स
- उज्जैन में बच्चों ने शिप्रा नदी में जल योग किया
- योग दिवस पर 6-15 साल के बच्चों ने भाग लिया
- बच्चों ने पिरामिड सहित कई योग मुद्राएं की
Ujjain News: उज्जैन में मोक्ष दायिनी मां शिप्रा नदी का खास महत्व है. यहां कई बच्चे पीठ पर डिब्बा बांधकर तैराकी सीख रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर एक अनोखा नजारा देखने को मिला. इसमें 15 साल की उम्र के बच्चे पानी के बीचोबीच योग करते नजर आए. इन बच्चों ने जल योग के माध्यम से शरीर को स्वस्थ रखने की प्रेरणा दी. उज्जैन में शिप्रा नदी के दत्त अखाड़ा घाट पर करीब 30 बच्चों ने जल योग किया. उन्होंने पिरामिड सहित अन्य योग मुद्राएं करके पर्यटकों का दिल जीत लिया. जैसे ही उन्होंने योग करना शुरू किया, लोग दंग रह गए. तालियों से बच्चों का हौसला बढ़ाया.
मां शिप्रा तैराक दल के सचिव संतोष सोलंकी ने बताया कि बच्चों ने योग दिवस के उपलक्ष्य में विश्व को योग की प्रेरणा देने के लिए पानी में योग किया. बच्चे पानी के भीतर विभिन्न योग मुद्राएं करते नजर आए. योग दिवस की तैयारी देश भर में चल रही है. सभी लोग बैठकर योग करेंगे, लेकिन हमने तैराकी सीखने आए बच्चों से पानी में योग करवाया है. हम हर साल योग दिवस पर इस तरह से पानी में योग करवाते हैं.
कम उम्र के बच्चों ने लिया भाग
योग दिवस पर 6 साल की उम्र से लेकर 15 साल तक के बच्चे शामिल हुए थे. संतोष सोलंकी ने बताया कि तैराकी सीख चुके बच्चों को विशेष रूप से योग के लिए प्रशिक्षित किया गया है. जल में योग करना अपने आप में चुनौतीपूर्ण होता है और यह शारीरिक और मानसिक ऊर्जा को बढ़ाता है.
सिंहस्थ में देंगे अपनी सेवा
अब तक सैकड़ों लोगों की डूबती जान बचा चुके संतोष सोलंकी का मानना है कि हर साल कई बच्चों को तैराकी का प्रशिक्षण देकर तैयार किया जाता है. इस बार जिन बच्चों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, वे आगामी सिंहस्थ कुम्भ के दौरान घाटों पर तैनात रहकर लोगों की जान बचाने का कार्य करेंगे. मां शिप्रा तैराक दल से तैराकी सीख चुके कई बच्चे राष्ट्रीय स्तर की तैराकी प्रतियोगिताओं में मेडल जीत चुके हैं और अब उनका सपना लाइफ गार्ड बनकर घाटों पर लोगों की जान बचाने का है.