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Monsoon Health Tips: मानसून के आते ही बाजार में हरी सब्जियों की बहार आ जाती है. लेकिन, इस मौसम में सेहत को दुरुस्त रखन के चक्कर में कई बार बिमारियों को सब्जी के रूप में घर ले आते हैं. जानें कैसे..
सब्जी बेचने वाले कई बार गल चुकी या हल्की सड़ी सब्जियां भी ताजी दिखाकर बेच देते हैं. इसलिए जरूरी है कि मानसून में सब्जी खरीदते समय हर पत्तेदार सब्जी को ध्यान से जांच परख लें. यहां हम एक-एक कर बताने जा रहे हैं कि बरसात के मौसम में कौन सी हरी सब्जी खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखें.

मानसून में पालक जल्दी गलने लगती है. कई बार इसके पत्तों पर छोटे-छोटे सफेद कीड़े या कीचड़ जमा रहते हैं. ऐसी पालक से इंफेक्शन फैल सकता है. खरीदते समय पत्तियां हल्की हरी, साफ-सुथरी और ताजी होनी चाहिए. अगर पत्तियां चिपचिपी या बदरंग हो गई हों, तो उसे बिल्कुल नहीं खरीदें.

बारिश में मेथी के पत्तों में फंगस लगने का खतरा ज्यादा होता है. सफेद या भूरे रंग के धब्बे इसकी पहचान हैं. ऐसी मेथी का सेवन करने से पेट की खराबी, उल्टी-दस्त जैसी समस्या हो सकती है. इसलिए मेथी सूखी, छोटी पत्तियों वाली और सोंधी खुशबू वाली ही खरीदें.

बथुआ मानसून में जल्दी सड़ जाता है. इसकी पत्तियां अगर नीचे से काली या पीली दिखाई दे तो वह पहले से ही खराब हो चुकी होती हैं. इसे खरीदते समय पत्तियों को उंगली से मसल कर देखें, अगर उनमें से बदबू आए या पत्तियां टूटने की बजाय मसल जाएं, तो ऐसी सब्जी न लें.

मानसून में चौलाई की पत्तियां बहुत नाजुक हो जाती हैं और उस पर अक्सर काले कीड़े या पत्तों के छेद दिखाई देते हैं. इसलिए जब भी चौलाई खरीदें, उसकी पूरी गड्डी को उलट-पलट कर जांचें. ताजी चौलाई में पत्तियां हल्की लाल या हरे रंग की, चिकनी और बिना दाग वाली होनी चाहिए.

सरसों के पत्ते बरसात में जल्दी कड़वे हो जाते हैं. पत्तियों पर सफेद धब्बे या किनारों का पीला पड़ना फंगस की निशानी है. ऐसी सरसों लेने से गैस और पेट फूलने जैसी दिक्कत हो सकती है. ताजा और साफ पत्तियों वाली सरसों को ही घर लाएं.

हरी धनिया मानसून में बहुत जल्दी सड़ती है. कई बार इसकी जड़ों में कीचड़ लगा होता है, जिससे पूरा गुच्छा सड़ सकता है. पत्तियों में अगर नमी के कारण बदबू आ रही हो या पत्ते मुरझा गए हों तो ऐसी धनिया न खरीदें. ताजे, सूखे और खुशबूदार धनिए को प्राथमिकता दें.

पुदीना की पत्तियां मानसून में चिपचिपी हो जाती हैं और इन पर फंगस के निशान दिखाई देते हैं. पुदीना लेते समय इसकी पत्तियों को मसल कर देखें, अगर उनमें से खुशबू नहीं आ रही या पत्तियां काली पड़ गई हैं तो ना लें. कुरकुरी और सुगंधित पत्तियां पुदीना की पहचान हैं.

सेलक में पानी की मात्रा ज्यादा होती है, इस कारण यह बारिश में जल्दी सड़ता है. इसकी डंठल अगर नरम हो गई हो या पत्तियां पसीने जैसी महक दे रही हों तो ऐसे सेलक को न खरीदें. ताजा और कड़ी डंठल वाली सब्जी ही चुनें.