या तो मारो या नगर निगम की सीमा से बाहर करो…बुधनी में डॉग‑लवर्स को मिला 24 घंटे का अल्टीमेटम!

या तो मारो या नगर निगम की सीमा से बाहर करो…बुधनी में डॉग‑लवर्स को मिला 24 घंटे का अल्टीमेटम!


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Dog Eviction News Sehore: बुधनी में डॉग‑बाइटिंग के बाद नगर पालिका का पालतू कुत्तों को 24 घंटे में शहर से बाहर निकालने को कहा, डॉग‑लवर्स ने PETA में शिकायत, जानिए पक्ष-विपक्ष क्या कह रहे.

डॉग‑लवर्स को मिला 24 घंटे का अल्टीमेटम!

हाइलाइट्स

  • नगर पालिका ने 24 घंटे में कुत्तों को बाहर निकालने का आदेश दिया.
  • डॉग-लवर्स ने PETA में शिकायत दर्ज कराई.
  • PETA ने आदेश को असंवेदनशील बताते हुए वापस लेने की मांग की.

सीहोर: मध्य प्रदेश के बुधनी शहर में हाल ही में हुई कुत्तों के काटने की घटनाओं के बाद नगर पालिका परिषद ने पालतू कुत्तों को लेकर बेहद सख्त कदम उठाया है. नगर पालिका अधिकारी संतोष रघुवंशी द्वारा जारी एक आदेश में शहर के लगभग आधा दर्जन डॉग लवर्स को 24 घंटे के भीतर अपने कुत्तों को नगर सीमा से बाहर ले जाने के निर्देश दिए गए हैं. इस नोटिस के तहत कहा गया है कि अगर आदेश की अवहेलना की गई तो मध्य प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 252 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.

इस नोटिस ने शहर में हड़कंप मचा दिया है. सिर्फ कुत्ते पालकों ही नहीं, आम नागरिकों में भी इस कदम को लेकर रोष है. कई लोगों ने इसे अत्यधिक कठोर, संवेदनहीन और अमानवीय बताया है. संजय शर्मा, जो बुधनी के एक सक्रिय पशु प्रेमी हैं, ने इस आदेश के खिलाफ आवाज़ उठाई है. उनका कहना है कि यह आदेश न केवल कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन है, बल्कि यह इंसान और जानवर के बीच के रिश्ते को भी आहत करता है.

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठी आवाज़
संजय शर्मा ने इस मामले की शिकायत देश की प्रमुख पशु संरक्षण संस्था PETA इंडिया और People For Animals (PFA), जो पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी द्वारा संचालित है, को भेज दी है. इन संस्थाओं ने इस आदेश को न केवल असंवेदनशील बताया, बल्कि नगर पालिका से तत्काल स्पष्टीकरण और आदेश वापस लेने की मांग भी की है.

PETA इंडिया के प्रतिनिधियों का कहना है कि “कुत्तों को शहर की सीमा से बाहर भेजना कोई समाधान नहीं, बल्कि एक नई समस्या को जन्म देना है. इससे उनके जीवन पर खतरा मंडरा सकता है.”

क्या कहता है कानून?
धारा 252 के अंतर्गत नगरपालिका को कुछ अधिकार तो प्राप्त होते हैं, लेकिन इनका प्रयोग केवल जनहित और परिस्थितियों की गंभीरता के आधार पर किया जा सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि नगर पालिका को पहले विकल्पों पर विचार करना चाहिए था जैसे, स्ट्रे कैनाइन मेनेजमेंट प्लान, पालतू पशुओं की मॉनिटरिंग, और जनता के साथ परामर्श बैठकें.

शहर में माहौल तनावपूर्ण
बुधनी में पालतू कुत्तों को लेकर अचानक बनी इस स्थिति ने लोगों को असमंजस में डाल दिया है. नगर पालिका से यह उम्मीद की जा रही है कि वह इस फैसले पर पुनर्विचार करे और समस्या के समाधान के लिए एक न्यायसंगत और व्यावहारिक तरीका अपनाए.

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