सांप नहीं, असली खतरा है बिच्छू का डंक, गर्मी में बिस्तर से चप्पल तक हर कोना है अलर्ट ज़ोन

सांप नहीं, असली खतरा है बिच्छू का डंक, गर्मी में बिस्तर से चप्पल तक हर कोना है अलर्ट ज़ोन


खंडवा: “सांप का काटा पानी मांगता है, लेकिन बिच्छू का काटा मांगने लायक नहीं छोड़ता!” यह कहावत केवल डराने के लिए नहीं, बल्कि बिच्छू के डंक की असलियत को बयां करती है. गर्मी शुरू होते ही बिच्छू ज़मीन के अंदर से बाहर निकल आते हैं, और खेत-खलिहानों से लेकर घर-आंगन तक डंक का आतंक फैल जाता है.

विशेषज्ञ बताते हैं कि बिच्छू का जहर न्यूरोटॉक्सिक होता है यानी सीधा तंत्रिका तंत्र पर हमला करता है. इसका डंक इतना तेज और असहनीय होता है कि पीड़ित कई बार होश खो बैठता है. बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए यह डंक और भी ज्यादा घातक साबित हो सकता है.

क्यों कहा जाता है बिच्छू को सांप से ज्यादा खतरनाक?
हालांकि सांप के ज़हर की मात्रा अधिक होती है, लेकिन बिच्छू के डंक में मौजूद हाई इंटेंसिटी टॉक्सिन्स शरीर पर गहरा असर डालते हैं. दर्द के साथ-साथ यह शरीर में झुनझुनी, तेज़ घबराहट, सांस लेने में तकलीफ, और लकवा जैसे लक्षण पैदा कर सकते हैं.

कुछ प्रजातियों के बिच्छू इतने जहरीले होते हैं कि उनका डंक मृत्यु तक का कारण बन सकता है खासकर तब, जब पीड़ित को समय पर इलाज न मिले.

गर्मी में बढ़ जाता है बिच्छू का खतरा
गर्मी में बिच्छू ठंडी और छिपी जगहें तलाशते हैं. इसीलिए वे चप्पल, बिस्तर, कपड़ों और अंधेरे कोनों में छिपे मिल सकते हैं. लोग अक्सर बिना देखे चप्पल पहन लेते हैं या बिस्तर पर बैठ जाते हैं, जिससे अचानक हुए हमले से बिच्छू डंक मार देता है.

बचाव कैसे करें?
चप्पल पहनने से पहले उसे पलटकर देखें

बिस्तर पर बैठने या लेटने से पहले अच्छी तरह जांच करें

घर के कोनों, दरारों की नियमित सफाई करें

नीम की पत्तियाँ, कपूर का धुआं और मच्छरदानी का उपयोग करें

अगर बिच्छू काट ले तो क्या करें?
घबराएं नहीं, प्रभावित हिस्से को बांध दें ताकि ज़हर फैलने से रोका जा सके

तुरंत अस्पताल ले जाएं, एंटीवेनम लगवाना ज़रूरी है

घरेलू उपाय जैसे बर्फ लगाना या गर्म पानी से सेंकना, डॉक्टर की सलाह के बिना न अपनाएं

स्थानीय चिकित्सक कहते हैं कि डरिए मत, सतर्क रहिए. समय पर इलाज बिच्छू के डंक से जान बचा सकता है.



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