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Ujjain Historical Places: उज्जैन की वैश्य टेकरी एक 2300 साल पुरानी ऐतिहासिक धरोहर है, जिसे सम्राट अशोक ने अपनी पत्नी देवी के लिए बनवाया था. पुरातत्व खुदाई में यहां बौद्ध कालीन सामग्री मिली.
हाइलाइट्स
- उज्जैन की वैश्य टेकरी 2300 साल पुरानी धरोहर है.
- सम्राट अशोक ने पत्नी देवी के लिए वैश्य टेकरी बनवाई.
- खुदाई में बौद्ध कालीन सामग्री मिली.
उज्जैन. मध्यप्रदेश का उज्जैन सैकड़ो लोगों के दिल मे बसा हुआ है. यहां कई ऐसे रहस्य हैं, जो समय-समय पर बहार आते हैं. इस नगरी में कई ऐतिहासिक धरोहरों का निर्माण अलग-अलग समय में हुआ था, जो आज भी मौजूद है. सम्राट अशोक 2300 साल पहले उज्जैन के राज्यपाल नियुक्त होकर यहां आए और अपनी पत्नी देवी के लिए पूजा स्थल के रूप में वैश्य टेकरी का निर्माण करवाया, जिसकी आज भी चर्चा सुनने में मिलती है. यह टेकरी जिसकी ऊंचाई 100 फुट और उसका व्यास 350 फुट रखा, लेकिन समय के साथ-साथ आज इस स्थल की ऊंचाई और व्यास दोनों ही कम होते दिखते हैं.
जानिए कैसे पड़ा वैश्य टेकरी नाम?
पुरातत्व विभाग के डॉ. रमन सोलंकी नें बताया कि उज्जैन में कई धरोहर हैं, जो आज भी देखने को मिलते हैं. वैसे ही पाटलिपुत्र के शासक बिंदुसार के पुत्र अशोक, उज्जैन के राज्यपाल थे. उस समय चंद्रगुप्त मौर्य राजा सम्राट हुआ करते थे, तब बिंदुसार को उन्होंने कुछ समय के लिए अवंति जनपद की राजधानी उज्जैन भेजा था. उसी परंपरा का बिंदुसार ने निर्वहन किया. अपने पुत्र अशोक को उज्जैन का राज्यपाल नियुक्त किया.
वैश्य टेकरी को लेकर क्या कहते हैं विशेषज्ञ
विक्रम विश्वविद्यालय के पुराविद् डॉ. रमण सोलंकी बताते है कि बौद्ध समाज के लोग आज भी यहां धार्मिक परंपराएं पूरी करने आते है. टेकरी को वैश्य टेकरी नाम दिए जाने को लेकर विद्वान मानते हैं कि सम्राट अशोक की रानी वैश्य पुत्री ने संभवत इसका विस्तार कराया, इसलिए इसका नाम वैश्य टेकरी रखा. यह स्तूप बुद्ध के चीवर और आसंदी पर बना बताया जाता है.
खुदाई मे मिली बौद्ध कालीन सामग्री
पुराविद डॉ. रमन सोलंकी बताते हैं कि डॉ एम बी गर्दे के निर्देशन में ग्वालियर स्टेट के वक्त यहां खुदाई शुरू की गई. खुदाई में बौद्ध कालीन सामग्री मिली. खुदाई में पात्र, मुद्राएं मिलीं. अंदर से गैस रिसाव होने के कारण पुरातत्व वेत्ता घायल होने लगे तो खुदाई रोकी गई, जो आज तक रूकी हुई है. वहीं पर 2300 साल पुराने जब प्रमाण मिले तो तुलावटी टेकरी और कंकर टेकरी बनाई गई. आज तुलावटी टेकरी जरूर है लेकिन कंकर टेकरी विलुप्त हो गई.
Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digiatal), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked …और पढ़ें
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