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Chhindwara News : छिंदवाड़ा के तामिया के दलेलढाना गांव में डिप्थीरिया (गलाघोंटू) ने कहर बरपाया है, जहाँ एक ही परिवार के दो बच्चों की इस जानलेवा बीमारी से मौत हो गई है. दो अन्य बच्चों का इलाज जारी है, जिनमें से …और पढ़ें
छिंदवाड़ा में बच्चों की मौत से हड़कंप मचा हुआ है.
छिंदवाड़ा. जिले के तामिया विकासखंड के दलेलढाना गांव में एक भयावह घटना सामने आई है, जहाँ डिप्थीरिया (गलाघोंटू) नामक जानलेवा बीमारी ने एक ही परिवार के दो मासूम बच्चों की जान ले ली. देखते ही देखते बच्चों का गला घुटने लगा और वे जिंदगी की जंग हार गए. इस घटना ने पूरे जिले में दहशत फैला दी है, और स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है. इस दुखद खबर मिलते ही छिंदवाड़ा के सांसद विवेक साहू तत्काल एक्शन में आ गए. उन्होंने सीधे जिला अस्पताल पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की, उनके दर्द को साझा किया और हर संभव मदद का आश्वासन दिया.
विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में इलाज शुरू
शेष तीन बच्चों को तत्काल आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया, जहाँ विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज शुरू किया गया. लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था. कल रात इलाज के दौरान एक और मासूम ने दम तोड़ दिया, जिससे परिवार गहरे सदमे में है. अब इस परिवार के दो बच्चे अभी भी जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं, जिनमें से एक की हालत नाजुक बनी हुई है. डॉक्टरों की एक विशेष टीम लगातार उनकी स्थिति पर नजर रख रही है और उन्हें बचाने की हरसंभव कोशिश कर रही है.
सांसद विवेक साहू का एक्शन और दी मदद
जैसे ही सांसद विवेक साहू को इस हृदयविदारक घटना की जानकारी मिली, उन्होंने बिना समय गंवाए तत्काल जिला अस्पताल पहुँचने का फैसला किया. अस्पताल पहुँचकर उन्होंने पीड़ित परिवार दुखलाल ककोड़िया और उनकी पत्नी से मुलाकात की. सांसद ने शोकाकुल परिवार को ढांढस बंधाया और उनके प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की. उन्होंने परिवार को आश्वासन दिया कि इस दुख की घड़ी में वे अकेले नहीं हैं और सरकार व प्रशासन उनकी हर संभव मदद करेगा. सांसद साहू ने न केवल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बच्चों के इलाज और गांव में बीमारी के फैलाव को रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी ली, और कहा कि ऐसी घटनाओं रोकथाम हो. उन्होंने पीड़ित परिवार को मदद का भी भरोसा दिलाया.
जिला अस्पताल के आरएमओ हर्षवर्धन कुड़ापे ने इस दुखद घटना पर गहरा खेद व्यक्त किया. उन्होंने बताया कि डिप्थीरिया एक दुर्लभ बीमारी है, लेकिन यह बेहद घातक हो सकती है. इसके टीके बचपन में लगाए जाते हैं, जो इस बीमारी से बचाव में बेहद प्रभावी होते हैं. कुड़ापे ने आशंका व्यक्त की कि जिन बच्चों की मौत हुई है, उन्हें संभवतः ये टीके नहीं लगे थे, जिसकी वजह से वे इस बीमारी का शिकार हो गए.
स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप, 29 बच्चों के नमूने लिए
इस बीमारी के सामने आने के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है. प्रशासन ने तुरंत एक्शन लेते हुए डॉक्टरों की एक विशेष टीम को दलेलढाना गांव रवाना किया है. इस टीम ने दुखलाल ककोड़िया के परिवार के शेष सदस्यों सहित आसपास के 29 बच्चों के नमूने लिए हैं. इन सभी नमूनों को तुरंत जांच के लिए भोपाल की प्रयोगशाला में भेजा गया है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं और बच्चे भी इस जानलेवा बीमारी से संक्रमित तो नहीं हैं.
सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्थानों में सजग जिम्मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प…और पढ़ें
सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्थानों में सजग जिम्मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प… और पढ़ें