रुचि बनी रास्ता, मेहनत बनी पहचान, जेईई में बिखेरा जलवा, पहुंच गए IIT

रुचि बनी रास्ता, मेहनत बनी पहचान, जेईई में बिखेरा जलवा, पहुंच गए IIT


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IIT JEE Success Story: इंसान को जिस चीज में रूचि हो, उसी में काम करना चाहिए. ताकि वह अपने कामों में सफल हो सकें. ऐसे ही एक शख्स की रूचि साइंस में थी और वह कक्षा 10वीं के बाद साइंस लेकर आईआईटी गुवाहाटी पहुंच गया…और पढ़ें

IIT JEE Story: फिजिक्स की रूचि ने पहुंचा दिया IIT.

हाइलाइट्स

  • जब लक्ष्य था स्पष्ट, तब सफलता बनी निश्चित!
  • बायोलॉजी नपसंद थी, लेकिन इंजीनियरिंग में रच दिया इतिहास!
  • आईआईटी की ओर बढ़ते कदम

IIT JEE Success Story: कहते हैं न कि इंसान को जिस चीज में रूचि हो, उसी में काम करना चाहिए. ताकि वह सफलता की बुलंदियों को छू सकें. कुछ ऐसी ही कहानी हैदराबाद के मिथिल संधिनेनी (Mithil Sandhineni) की है. उन्हें हमेशा से ही साइंस में रूचि थी. उन्होंने कक्षा 10वीं के बाद साइंस लिया और जेईई की तैयारी में लग गए. जेईई की परीक्षा में शानदार परफॉर्म करते हुए उन्होंने 4278 रैंक हासिल की हैं.

स्कूल और जेईई की तैयारी का सफर

जेईई में 4278 रैंक लाने वाले मिथिल संधिनेनी ने अपनी स्कूली शिक्षा डीएवी पब्लिक स्कूल, हैदराबाद से की हैं. पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने खेलों और अन्य गतिविधियों में भी भाग लिया. महामारी के कारण उनकी कक्षा 10वीं की परीक्षा ऑनलाइन हुई, जिससे स्कूल के आखिरी दिनों की यादें नहीं बना सका. इसके बाद उन्होंने श्री चैतन्य जूनियर कॉलेज, हैदराबाद से कक्षा 11वीं और 12वीं की पढ़ाई पूरी की. जेईई की बेहतर तैयारी हो, इसके लिए वह हॉस्टल में रहकर पढ़ाई किए. यह माहौल उनके लिए काफी सहायक रहा.

साइंस के प्रति रुचि ने दिशा तय की

कक्षा 10वीं के बाद मिथिल के पास तीन मुख्य स्ट्रीम साइंस, कॉमर्स और आर्ट्स में से किसी एक को चुनना था. चूंकि उन्हें साइंस हमेशा पसंद रहा, इसलिए उन्होंने उसी को चुना. साइंस में भी उनके सामने दो रास्ते जेईई (इंजीनियरिंग) या नीट (मेडिकल) थे. उन्होंने जेईई को इसलिए चुना क्योंकि उन्हें बायोलॉजी पसंद नहीं था. उन्हें शुरू से ही मैथ्स और फिजिक्स में रुचि थी, इसलिए जेईई की ओर बढ़ना स्वाभाविक लगा.

फिजिक्स से बढ़ती दिलचस्पी और प्रेरणा

जैसे-जैसे मिथिल की तैयारी आगे बढ़ी, उन्हें फिजिक्स और मैथ्स और भी अधिक रोचक लगने लगे. उनके कोचिंग संस्थान में कुछ शानदार शिक्षक थे. उनके जो टीचर थे, वह खुद आईआईटीयन थे. उन्होंने मिथिल को आईआईटी में अपने अनुभवों की कहानियां सुनाईं, जिससे उनकी प्रेरणा और भी बढ़ गई. वह अपने टीचर की तरह ही आईआईटी में पढ़ना और एक अलग जीवन जीना चाहते थे.

जेईई की परीक्षा और रैंक

वर्ष 2023 में मिथिल जेईई मेन और जेईई एडवांस्ड दोनों परीक्षाएं दीं. जेईई मेन में उनकी रैंक 6592 थी. वहीं जेईई एडवांस्ड में उनकी रैंक 4278 थी. उन्होंने जेईई की तैयारी किसी विशेष आईआईटी को ध्यान में रखकर नहीं की थी. लेकिन बाद में उन्होंने लक्ष्य तय किया कि उन्हे टॉप 7 आईआईटी में से किसी एक में जाना है. उसके बाद उनके पास दो मुख्य विकल्प आईआईटी मद्रास में केमिकल इंजीनियरिंग और आईआईटी गुवाहाटी में मैकेनिकल इंजीनियरिंग था.

यहां से कर रहे हैं पढ़ाई

मिथिल की रुचि फिजिक्स में अधिक थी, इसलिए उन्होंने आईआईटी गुवाहाटी में मैकेनिकल इंजीनियरिंग को चुना. यह निर्णय उनके लिए बेहद फायदेमंद साबित हुआ. लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार फिलहाल वह बीटेक के दूसरे साल में हैं.

Munna Kumar

पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin…और पढ़ें

पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin… और पढ़ें

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