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MP Crime News : सोमवार को आगर मालवा कोर्ट में उस समय हड़कंप मच गया, जब अपने ढाई साल के बेटे के अपहरण के आरोप में फरार चल रहा मनोज बामनिया आधे शरीर पर पेंट-शर्ट और आधे पर साड़ी पहने कोर्ट में हाजिर हुआ. पुलिस न…और पढ़ें
आगर मालवा से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है.
हाइलाइट्स
- आधे शरीर पर पेंट-शर्ट, आधे पर साड़ी पहन कर कोर्ट पहुंचा शख्स
- पुलिस ने 10 हजार का इनाम किया था घोषित, पेशे से है फैशन डिजाइनर
- अपने ही ढाई साल के बेटे के अपहरण का लगा है आरोप, चौंका देगा ये केस
आगर मालवा: सोमवार को आगर मालवा कोर्ट परिसर में एक ऐसा दृश्य सामने आया जिस सब हैरान रह गए. अपहरण के आरोप में फरार चल रहा एक शख्स अनोखा वेश धारण कर अपने ढाई साल के बेटे के साथ कोर्ट में हाजिर हुआ. आधे शरीर पर पेंट-शर्ट और आधे पर साड़ी पहने इस शख्स को देखकर अदालत में मौजूद हर शख्स हैरत में पड़ गया. इस शख्स का नाम है मनोज बामनिया, जिस पर अपने ही लाडले बेटे भव्यांश के अपहरण का आरोप लगा है. मामला 16 मार्च, 2025 का है, जब मनोज की पत्नी रीना की बहन रोशनी भव्यांश को मंदिर ले जा रही थी. तभी एक बोलेरो गाड़ी से आए कुछ बदमाशों ने बच्चे को फिल्मी अंदाज में छीन लिया और चंपत हो गए थे. रीना ने फौरन कोतवाली थाने में अपने पति मनोज पर ही बच्चे के अपहरण का शक जताया. लगभग तीन महीने तक मनोज पुलिस की पकड़ से दूर था, जिसके बाद पुलिस ने उस पर ₹10,000 का इनाम भी घोषित कर रखा था.
अपहरण मामले में दादा समेत 3 पहले ही हो चुके हैं अरेस्ट
पुलिस ने इस मामले में अब तक एक्शन लेते हुए घटना में इस्तेमाल हुई बोलेरो गाड़ी को जब्त कर लिया है और मनोज के पिता सहित तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार भी किया है. पुलिस की लगातार तलाश और इनाम की घोषणा के बावजूद मनोज का खुद अपने बेटे के साथ कोर्ट में पेश होना इस पूरे मामले को और भी ‘अजब-गजब’ बना देता है. मनोज और उसकी पत्नी रीना पिछले दो सालों से अलग रह रहे हैं. रीना ने महिला थाने में मनोज के खिलाफ दहेज प्रताड़ना और घरेलू हिंसा का मामला भी दर्ज कराया था. कोर्ट ने पहले ही भव्यांश की सुपुर्दगी उसकी मां रीना को दी थी, लेकिन मनोज बार-बार बच्चे को अपने पास रखने की जिद में बड़ी गलती कर बैठा.
पिता की अजीबोगरीब ममता और कानून के उल्लंघन का केस
यह मामला अब पिता की अजीबोगरीब ममता और कानून के उल्लंघन के बीच एक उलझी हुई मानवीय कहानी बनकर सामने आ गया है, जो इस बात पर बहस छेड़ता है कि बच्चे का असली हित किसमें है और कैसे कानूनी प्रक्रियाएं व्यक्तिगत भावनाओं और माता-पिता के अधिकारों के बीच संतुलन बना सकती हैं. इस घटना ने निश्चित रूप से आगर मालवा ही नहीं, बल्कि पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा है.
सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्थानों में सजग जिम्मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प…और पढ़ें
सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्थानों में सजग जिम्मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प… और पढ़ें