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UPSC-CAPF Result Success Story: मध्य प्रदेश सागर के रहने वाले हर्षित शर्मा ने कमाल कर दिया. उन्होंने पहले प्रयास में ही यूपीएससी परीक्षा पास की और वर्दी पहन ली. जानें कहानी…
हाइलाइट्स
- हर्षित ने पहले प्रयास में UPSC-CAPF परीक्षा पास की
- हर्षित के पिता आर्मी के रिटायर्ड हवलदार हैं
- बिना कोचिंग के UPSC-CAPF परीक्षा पास की
Sagar News: सागर के हर्षित शर्मा की हर जगह चर्चा है. 23 साल के इस लड़के ने कमाल कर दिया. पहले ही अटेम्प्ट में UPSC-CAPF की परीक्षा पास कर ली. यही नहीं, ऑल इंडिया 26वीं रैंक हासिल कर माता-पिता समेत पूरे शहर को गौरांवित कर दिया. हर्षित के पिता आर्मी के रिटायर्ड हवलदार हैं. उन्होंने 20 साल पहले जो सपना देखा था, वह अब पूरा हुआ है. रिजल्ट आने के बाद से ही परिवार में खुशी का माहौल है. हर्षित शर्मा का Central Armed Police Forces में असिस्टेंट कमांडेंट (ACP) की पोस्ट पर चयन हुआ है. यह आर्मी में कैप्टन और पुलिस में ASP के बराबर की पोस्ट है. हर्षित की बड़ी बहन ने भाई का रिजल्ट आने के बाद पूरे मोहल्ले में मिठाई बंटवाई है.
मकरोनिया की दूरसंचार कॉलोनी में रहने वाले हर्षित शर्मा ने यह मुकाम हासिल किया है. उनके पिता दिनेश शर्मा रिटायर्ड आर्मी के हवलदार हैं. उन्होंने 34 साल सेना में सेवाएं दी हैं. मां रश्मि शर्मा गृहणी हैं, जिनकी देख-रेख में हर्षित ने अपनी पढ़ाई की. हर्षित ने स्कूली पढ़ाई आर्मी पब्लिक स्कूल सागर और BA प्राइवेट कॉलेज से किया था. उसके बाद उन्होंने महज 18 साल की उम्र में एनडीए का रिटर्न पास कर लिया था. 526वीं रैंक हासिल की थी. ओटीए में भी ऑल इंडिया में 62वीं रैंक हासिल की थी, लेकिन मेडिकल गड़बड़ हो गया था. इसके बाद हर्षित ने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी.
पिता को वर्दी में देखता तो…
हर्षित शर्मा ने बताया, वह बचपन में अपने पिता को आर्मी की वर्दी में देखा करते थे. इससे इंस्पायर होकर उनको भी आर्मी में जाने की प्रेरणा मिली. आर्मी स्कूल से में पढ़ाई की तो वही बैकग्राउंड भी मिलता चला गया. इसके चलते मुझे आज यह सफलता मिली है, जिस पर बहुत खुशी हो रही है.
हर्षित ने अपनी सफलता का राज बताया. कहा, वह पढ़ाई करने के लिए रोजाना सुबह 4:00 बजे उठ जाते थे. सुबह 4:00 से 8:00 बजे तक फोकस्ड रहकर पढ़ाई करते थे. इसके बाद दिनचर्या के कुछ काम करते, दोपहर और शाम के समय भी दो से तीन घटे पढ़ाई करते थे. वह दिन भर का टारगेट लेकर चलते थे. टारगेट 2 घंटे में पूरा हो जाए या 8 घंटे में उसे कंप्लीट करके ही रहते थे. इसके लिए उन्होंने खुद के नोटिस भी तैयार कर रखे थे. बिना कोचिंग के ही उन्होंने इस एग्जाम को क्लियर किया है. इन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया है.
पिता बोले बेटे पर गर्व…
हर्षित के पिता दिनेश शर्मा का ने कहा, हर बाप का सपना होता है कि उसका बेटा उससे ऊंची पोस्ट पर जाए. मेरे बेटे ने ये करके दिखाया है. उसने इतनी बड़ी पोस्ट पर नौकरी पाई है, जिसकी इतनी खुशी हो रही है कि मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता. इस सफलता में मेरी धर्मपत्नी ने पूरा साथ दिया. क्योंकि, ड्यूटी के दौरान मैं कभी बॉर्डर पर तो कभी कहीं पर रहा. लेकिन, बच्चे अच्छे से पढ़े-लिखे यह ध्यान पत्नी ने रखा. इसमें हमारे ससुराल पक्ष का भी पूरा साथ मिला. उनकी बड़ी बेटी अजीम प्रेमजी फाउंडेशन, सागर में इकोनॉमिस्ट है.