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उज्जैन मे उंडासा पंचायत के सरपंच रमेशचंद्र शर्मा नें जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से निराश होकर 3 साल से बंद स्कूल को खोलने के लिए जिद पकड़ ली. सरपंच साहब इस हद तक नाराज़ हुए कि शिक्षा विभाग के कार्यालय के बाहर ह…और पढ़ें
हाइलाइट्स
- सरपंच रमेशचंद्र शर्मा ने भूख हड़ताल शुरू की.
- उंडासा पंचायत में तीन साल से स्कूल बंद है.
- बच्चों को 2.5 किमी दूर स्कूल जाना पड़ता है.
Ujjain News. मध्यप्रदेश का उज्जैन जिसे धार्मिक नगरी नाम से जाता है. यहा पर धर्म-कर्म के साथ शिक्षा को भी बेहद महत्व दिया जाता है. सोमवार को कुछ ऐसा हुआ जिसनें हर किसी को चौका दिया है. दरअसल उंडासा पंचायत मे 50 बच्चों स्कूल तीन साल से बंद है. जिससे ग्रामीणो के साथ बच्चे भी परेशान है. यहा के सरपंच कई दिनों से बच्चों के उज्वल भविष्य के लिए जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से स्कूल खोलने की गुहार लगा रहे है. आज सरपंच साहब नें कुछ ऐसा आंदोलन कर दिया जिससे पूरे गांव का उनको समर्थन मिल रहा है.
शिक्षा विभाग मे ही चिपकाया बैनर
उंडासा पंचायत के सरपंच रमेशचंद्र शर्मा नें लोकल 18 को बताया की शिक्षा विभाग के कार्यालय के बाहर धरना देकर भूख हड़ताल पर बैठ हूँ. मेरा इतना ही कहना के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना करे. इसलिए मेने डीईओ के कमरे के बाहर एक बैनर भी लगा दिया है, जिसमें भूख हड़ताल का उल्लेख किया गया है.
सरपंच शर्मा का कहना है कि तीन साल पहले तक उंडासा में शारदा प्राथमिक विद्यालय संचालित था, लेकिन शिक्षकों की कमी के कारण इसे 2022 में बंद कर दिया गया. तब से गांव के करीब 50 बच्चों को 2.5 किलोमीटर दूर माधवपुरा स्थित शासकीय स्कूल में पैदल जाना पड़ता है. इन बच्चों को रेल की पटरी और एक तालाब पार करके स्कूल पहुंचना होता है. इसलिए हमारी मांग है कि उंडासा में स्कूल दोबारा शुरू किया जाए.
सरपंच रमेशचंद्र शर्मा ने कहा कि मैंने सांसद और विधायक सहित सभी से स्कूल दोबारा खोलने की मांग की, लेकिन जब किसी ने भी इसे पूरा नहीं किया, तो मुझे आज से भूख हड़ताल पर बैठना पड़ा. यदि अधिकारी चाहें तो हम पंचायत के कमरे भी स्कूल के लिए देने को तैयार हैं. शासन केवल हमें दो शिक्षक उपलब्ध करा दे, ताकि बच्चों का भविष्य संवर सके और उन्हें इतनी दूर पैदल चलकर स्कूल न जाना पड़े.