बारिश का स्ट्रॉन्ग सिस्टम…शिवपुरी-श्योपुर में रेड अलर्ट: इंदौर-ग्वालियर समेत 24 जिलों में भारी बारिश; भोपाल-जबलपुर में भी गिरेगा पानी – Bhopal News

बारिश का स्ट्रॉन्ग सिस्टम…शिवपुरी-श्योपुर में रेड अलर्ट:  इंदौर-ग्वालियर समेत 24 जिलों में भारी बारिश; भोपाल-जबलपुर में भी गिरेगा पानी – Bhopal News


सोमवार को टीकमगढ़, शिवपुरी समेत कई जिलों में जोरदार बारिश हुई।

मध्यप्रदेश के ऊपर से टर्फ गुजरने की वजह से बारिश का स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव है। सोमवार को कई जिलों में बारिश का दौर बना रहा। ऐसा ही मौसम मंगलवार को भी रहेगा। ग्वालियर, चंबल, सागर, भोपाल, इंदौर, उज्जैन और जबलपुर संभाग के 24 जिलों में अति भारी या भारी

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मौसम विभाग के मुताबिक, शिवपुरी-श्योपुर में अगले 24 घंटे में 8 इंच से ज्यादा पानी गिर सकता है। ग्वालियर, गुना, अशोकनगर, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पांढुर्णा, बालाघाट में अति भारी यानी, 4 इंच तक बारिश हो सकती है। इंदौर, उज्जैन, भिंड, मुरैना, शाजापुर, देवास, रतलाम, विदिशा, रायसेन, सागर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला में भारी बारिश होने की संभावना है। भोपाल, जबलपुर समेत अन्य जिलों में बारिश का यलो अलर्ट है।

एमपी के 20 जिलों में बारिश, शिवपुरी में सबसे ज्यादा 2 इंच पानी गिरा प्रदेश में सोमवार को 20 से अधिक जिलों में तेज बारिश का दौर जारी रहा। शिवपुरी में सबसे ज्यादा 2 इंच पानी गिर गया। नौगांव (छतरपुर) में सवा इंच, नरसिंहपुर-खरगोन में पौन इंच बारिश हुई। भोपाल, ग्वालियर, नर्मदापुरम, दमोह, जबलपुर, खजुराहो, मंडला, सागर, सतना, टीकमगढ़, बालाघाट, बड़वानी, गुना, रायसेन, श्योपुर, अशोकनगर, टीकमगढ़, मऊगंज में भी कभी तेज तो कभी हल्की बारिश हुई।

शिवपुरी जिले में भारी बारिश के चलते कोलारस के लुकवासा में ज्ञान स्थली स्कूल के आवासीय परिसर में जलभराव हो गया। वहां फंसे कुछ टीचर्स समेत लोगों को निकालने के एसडीईआरएफ की टीम को मौके पर बुलाना पड़ा। हॉस्टल से दो बच्चों समेत 10 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया।

श्योपुर जिले में भारी बारिश के चलते पार्वती नदी उफान पर रही। बड़ौदा के पास कुहंजापुर पुलिया पर पानी ऊपर आने से श्योपुर-बारां हाईवे बंद हो गया। गुना में रेलवे अंडर ब्रिज में पानी भरने से सिलेंडर लोड ट्रक डूब गया।

शिवपुरी में एक घर में आकाशीय बिजली गिरने से घर के खिड़कियों में दरारें आ गईं। वहीं, अशोकनगर जिले में पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बारिश ने जन जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। सोमवार को मुंगावली में भारी बारिश के कारण घरों में पानी घुस गया। गुना में भी यही हालात रहे।

एमपी में सोमवार को हुई बारिश की तस्वीरें..

लुकवासा में ज्ञान स्थली स्कूल के आवासीय परिसर में फंसे सभी लोगों को निकाल लिया गया।

लुकवासा में ज्ञान स्थली स्कूल के आवासीय परिसर में फंसे सभी लोगों को निकाल लिया गया।

कोलारस के रिजौद गांव में घरों में पानी घुस रहा है। जिससे अनाज खराब हो गया।

कोलारस के रिजौद गांव में घरों में पानी घुस रहा है। जिससे अनाज खराब हो गया।

रेलवे अंडर ब्रिज में दस फीट से ज्यादा पानी भर गया, इसमें सिलेंडर भरा ट्रक डूब गया।

रेलवे अंडर ब्रिज में दस फीट से ज्यादा पानी भर गया, इसमें सिलेंडर भरा ट्रक डूब गया।

पुलिस लाइन के पीछे बारिश के चलते मैदान में करीब 2 से 3 फीट पानी जमा हो गया।

पुलिस लाइन के पीछे बारिश के चलते मैदान में करीब 2 से 3 फीट पानी जमा हो गया।

टर्फ-साइक्लोनिक सर्कुलेशन की एक्टिविटी सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि प्रदेश के ऊपर से एक टर्फ गुजर रही है। वहीं, साइक्लोनिक सर्कुलेशन भी एक्टिव है। इस वजह से प्रदेश में अति भारी या भारी बारिश का अलर्ट है। अगले चार दिन तक कई संभागों में तेज बारिश हो सकती है।

मानसून एक्टिव होने के बाद तेज बारिश का दौर बता दें कि इस बार देश में मानसून 8 दिन पहले ही आ गया था। वहीं, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में यह तय समय से पहले पहुंच गया। ऐसे में अनुमान था कि मध्यप्रदेश में यह जून के पहले सप्ताह में ही आ जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पिछले 15 दिन से मानसून महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में एक ही जगह पर ठहरा रहा। इस वजह से एमपी में इसकी एंट्री नहीं हो पाई। 13-14 जून को मानसून आगे बढ़ा। बावजूद यह प्रदेश में 1 दिन लेट हो गया।

हालांकि, 3 दिन में ही मानसून ने प्रदेश के 53 जिलों को कवर कर लिया। वहीं, एक के ठहराव के बाद बीते शुक्रवार को बाकी बचे 2 जिले- भिंड और मऊगंज में भी मानसून एंटर हो गया। इस तरह 5 दिन में ही मानसून ने पूरे प्रदेश को कवर कर लिया। एमपी में मानसून के प्रवेश की सामान्य तारीख 15 जून ही है। पिछले साल यह 21 जून को एंटर हुआ था।

एमपी में सोमवार को इतना रहा तापमान…

अब जानिए, 10 साल में कैसा रहा मौसम…

भोपाल में 15 जून तक तेज गर्मी राजधानी में जून महीने में तेज गर्मी और बारिश दोनों का ही ट्रेंड है। पिछले 10 साल में 15 जून से पहले तेज गर्मी का असर रहा। 4 साल तो टेम्प्रेचर 45 डिग्री के पार पहुंच गया। वहीं, रात का टेम्प्रेचर 17.4 डिग्री तक आ गया। साल 2020 में सबसे ज्यादा 16 इंच बारिश हुई थी।

वहीं, पिछले साल 2024 में पूरे महीने 10.9 इंच पानी गिरा था। 10 साल में दूसरी बार इतनी बारिश हुई थी। वहीं, 24 घंटे में करीब 5 इंच पानी बरसा था।

इंदौर में पिछले साल हुई थी 4 इंच बारिश जून में इंदौर में दिन के टेम्प्रेचर में खासी गिरावट होती है। पिछले 5 साल यानी- 2020, 2021, 2022, 2023 और 2024 में जून में कम गर्मी पड़ी। पारा 39.6 से 41.1 डिग्री के बीच रहा है। पिछले साल 40.6 डिग्री तक पारा पहुंचा था। इस महीने कोटे की 20 प्रतिशत तक बारिश हो जाती है। पिछले साल करीब 4 इंच पानी गिरा था।

बारिश के ओवरऑल रिकॉर्ड की बात करें तो साल 1980 में यहां जून महीने में 17 इंच से ज्यादा बारिश हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक 5 इंच बारिश का रिकॉर्ड 23 जून 2003 को बना था। 3 जून 1991 में इंदौर में दिन का पारा 45.8 डिग्री तक पहुंच चुका है। वहीं, 12 जून 1958 को न्यूनतम तापमान 18.9 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था।

ग्वालियर में 47 डिग्री पार हो चुका टेम्प्रेचर ग्वालियर में मई के बाद जून भी तेज गर्मी रहती है। 10 साल के आंकड़ों की बात करें तो साल 2019 में अधिकतम तापमान 47.8 डिग्री तक पहुंच चुका है। वहीं, 2024 में पारा 45.7 डिग्री दर्ज किया गया था। इस महीने अमूमन तापमान 45 से 46 डिग्री ही रहता है।

मौसम विभाग के अनुसार, 11 जून 2019 में पारा 47.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। वहीं, 1962 में पूरे महीने साढ़े 28 इंच बारिश हो गई थी। एक दिन में सर्वाधिक साढ़े 7 इंच बारिश का रिकॉर्ड 27 जून 1952 को बना था। साल 2024 में यहां पूरे महीने 5.7 इंच पानी गिरा था।

जबलपुर में 10 साल अच्छी बारिश मानसून की एंट्री के साथ ही जबलपुर में अच्छी बारिश होती है। यही से मानसून की एंट्री होती है, इसलिए अन्य जिलों की तुलना में जबलपुर में अच्छा पानी गिरता है। साल 2014 से 2023 तक के आंकड़ों पर नजर डाले तो कोटे की 30% तक बारिश हो चुकी है। पिछले साल 10 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। इस बार भी जबलपुर के दक्षिण हिस्से से ही मानसून एंटर हो सकता है।

उज्जैन में भी अच्छी बारिश का ट्रेंड जून महीने में उज्जैन में भी अच्छी बारिश होने का ट्रेंड है। 2015 से 2023 के बीच उज्जैन में 2.5 से 8 इंच तक बारिश हो चुकी है। इस बार भी ऐसा ही मौसम रहने का अनुमान है। 20 जून तक यहां मानसून एंटर हो सकता है।



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