महिला थाने में महिला उसके पति व ससुर के खिलाफ केस दर्ज किया।
रतलाम में 15 साल के नाबालिग के खिलाफ रेप का केस दर्ज कराने वाली महिला समेत उसके पति और ससुर के खिलाफ भी पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। नाबालिग की मां ने अपने बेटे पर महिला द्वारा झूठा केस दर्ज कराने व बेटे के साथ महिला द्वारा यौन शोषण की शिकायत की थी।
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बता दें कि, शहर के थाना औद्योगिक क्षेत्र निवासी दो बच्चों की 26 साल की मां ने 15 साल के नाबालिग के खिलाफ 17 अप्रैल 25 को महिला थाने में रेप का केस दर्ज कराया था। इसके बाद पुलिस ने बिना जांच के नाबालिग के खिलाफ केस दर्ज कर अरेस्ट कर किया।
नाबालिग को बाल संप्रेक्षण गृह भेज दिया। जहां वह 12 दिन तक रहा। फिर वह जमानत पर बाहर आया। इसके बाद से नाबालिग की मां बेटे के साथ हुए यौन शोषण और पुलिस द्वारा झूठा केस दर्ज करने की शिकायत पर कार्रवाई को लेकर लगातार पुलिस के चक्कर काटती रही। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
दैनिक भास्कर ने उठाया था मुद्दा
पुलिस की लापरवाही को उजागर करते हुए दैनिक भास्कर ने 21 जून को ‘प्यार के एक जैसे मामलों में सजा अलग-अलग: महिलाओं के नाबालिग से अफेयर; एक में लड़के को, दूसरे में महिला को जेल जाना पड़ा’ शीर्षक से समाचार का प्रकाशन भी किया था।
नाबालिग की मां ने एडवोकेट अमित पांचाल के जरिए किशोर न्याय बोर्ड के प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट को शिकायत की थी।
आदेश के पहले ही पुलिस ने दर्ज किया केस
महिला ने बेटे को न्याय दिलाने को लेकर बाल कल्याण समिति, विशेष किशोर पुलिस युनिट, महिला थाना, एसपी ऑफिस में शिकायत की। नाबालिग की मां ने किशोर न्यायालय के प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट के समक्ष एडवोकेट अमित कुमार पांचाल की ओर से आवेदन प्रस्तुत किया।
बाल कल्याण समिति ने भी पुलिस की कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े किए। किशोर न्याय बोर्ड के प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट को पत्र लिख कर इस बारे में जानकारी दी। एसपी को भी पत्र लिखा। बाद में एसपी ने संबंधित अधिकारी को शोकाज नोटिस देने की बात कही थी।
जानकारी के अनुसार, पुलिस की लापरवाही को लेकर किशोर न्याय बोर्ड प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट 24 जून को अंतिम आदेश पारित करने वाले थे। इसके पहले सोमवार रात नाबालिग की मां की रिपोर्ट पर महिला, उसके पति और ससुर के खिलाफ लैंगिक अपराधों से बालकों की संरक्षण की धारा 3,4,5,6,11,12 पॉक्सो अधिनियम व धारा 351, 115(2), 3(5) बीएनएस के तहत केस दर्ज कर लिया।

एसपी से मिले थे सदस्य
सोमवार दोपहर में ही बाल कल्याण समिति अध्यक्ष शंभु चौधरी व सदस्य ने एसपी अमित कुमार से मिले थे। मामले में स्मरण पत्र देकर कार्रवाई को लेकर पूछा था। तब उन्हें संबंधित थाना अधिकारी को शोकाज नोटिस देने की बात बताई। लेकिन रात तक केस दर्ज करने के बारे में किसी प्रकार से कोई जानकारी नहीं दी।
बाल कल्याण समिति अध्यक्ष शंभु चौधरी ने बताया
हम एसपी से मिले थे। प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट के आदेश के पहले ही स्पष्ट रूप से सामने आ गया कि पुलिस ने नाबालिग के खिलाफ केस दर्ज करने में जल्दबाजी कर लापरवाही बरती है। 12 दिन तक नाबालिग को बाल संप्रेक्षण गृह में रहना पड़ा। संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई होना चाहिए। नाबालिग को सहायता मिलना चाहिए।

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एक तरफ 26 साल की महिला ने 15 साल के नाबालिग पर रेप का केस दर्ज कराया और पुलिस ने उसे आरोपी बनाकर बाल संप्रेक्षण गृह भेज दिया। दूसरी ओर, 35 साल की महिला जब 17 साल के नाबालिग से निकाह की जिद पर अड़ी तो उसी पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। रतलाम के ये दोनों मामले…पढ़ें पूरी खबर