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kaal Sarp Dosh Upay: ज्योतिष शास्त्र में कई प्रकार के दोष और उनके द्वारा होने वाली समस्याओं के बारे में बताया गया है. इन्हीं में से एक है कालसर्प दोष, जिसे विनाशकारी माना जाता है. जिस जातक की कुंडली में कालसर्प…और पढ़ें
हाइलाइट्स
- कालसर्प दोष विनाशकारी माना जाता है
- कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता
- उज्जैन के आचार्य ने बताए बचने क उपाय
उज्जैन. हिन्दू धर्म में कई ऐसे शास्त्र हैं, जिनका अलग-अलग महत्व है. उन्ही शास्त्रों में एक ज्योतिष शास्त्र है. जो काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जातक की कुंडली में ग्रहों की एक विशेष स्थिति में होने पर कालसर्प योग बनता है. कालसर्प योग बनने पर जातक की कुंडली में कालसर्प दोष लगता है. कालसर्प दोष को बहुत ही अशुभ फलदायक माना जाता है. कुंडली में कालसर्प दोष होने से व्यक्ति के जीवन में तरह तरह की समस्याएं आती रहती हैं और व्यक्ति का जीवन संघर्ष भरा रहता है. आइए उज्जैन के आचार्य आनंद भारद्वाज से जानते हैं इस दोष के लक्षण और उपाय.
शास्त्रों के अनुसार, जब कुंडली में राहु और केतु एक तरफ मौजूद होते हैं और बाकी सभी ग्रह इनके बीच में स्थित हों तब कालसर्प योग या दोष बनता है. ऐसा कहा जाता है कि जिनकी कुंडली में ऐसी स्थिति बनती है उन्हें जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इन लोगों को सफलता पाने में देरी लगती है. कई लोगों के जीवन में इस योग की वजह से अशांति मची रहती है.
कालसर्प दोष होने पर मिलते हैं ये लक्षण
1. सपनों में बार-बार मृत लोगों को देखना या सपने में सांपों का दिखना.
2.सपने में यह महसूस होना कि कोई आपका गला दबा रहा है.
3. साथ ही लगातार मानसिक तनाव और अकेलापन महसूस करना.
4. कारोबार में बार-बार हानि होना और नौकरी में संघर्ष का सामना करना
5. नींद में बार-बार जागना या सपनों में झगड़े होते रहना.
6. साथ ही वैवाहिक जीवन में तनाव और जीवनसाथी से विवाद होना. इस प्रकार अगर जातक को परेशनी हो तो वह कालसर्प दोष हो सकता है.
जानिए कालसर्प दोष के उपाय
1. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिन जातकों की कुंडली में कालसर्प दोष है उन्हें नियमित रूप से भगवान विष्णु की पूजा करना चाहिए.
2. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कालसर्प दोष निवारण के लिए शनिवार के दिन बहते पानी में कोयले के टुकड़े प्रवाहित करें.
3. कालसर्प दोष निवारण के लिए बहते पानी में मसूर की दाल और साबुत नारियल प्रवाहित करें लाभ होगा.
4. कालसर्प दोष निवारण के लिए सावन के महीने में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना और भगवान शिव की प्रतिमा पर नियमित रूप से दूध मिला जल पतली धारा में अर्पित करना लाभकारी माना गया है. इन उपायों से यह कालसर्प दोष शांत होता है.
Seasoned journalist Dallu Slathia brings over 6 years of expertise in digital media, leading 4 states for Local18- MP, Jharkhand, Himachal Pradesh and Haryana. Her experience in digital journalism includes craf…और पढ़ें
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