बीजेपी नेताओं को प्रोजेक्ट के जरिए आपातकाल के वीडियो फोटो दिखाए गए।
बालाघाट में भाजपा ने 25 जून 1975 के आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य एस.के. मुद्दीन ने आपातकाल के दौरान हुई घटनाओं का विवरण दिया।
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मुद्दीन ने बताया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राजनारायण की याचिका पर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के लोकसभा निर्वाचन को निरस्त कर दिया था। इसके बाद इंदिरा सरकार ने देश में आपातकाल लगा दिया।
आपातकाल के दौरान कई लोगों को जेल में डाला गया
आपातकाल के दौरान सरकार ने विपक्ष के नेताओं को बिना कारण जेल में बंद कर दिया। बुद्धिजीवियों, छात्रों, पत्रकारों और आम जनता को भी कारावास में डाल दिया गया।
मीसाबंदी रमेश रंगलानी ने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगो में किसी को बालाघाट, दतिया, रायपुर, टीकमगढ़, जबलपुर, सिवनी और नरसिंहगढ़ की जेल में शिफ्ट किया गया।
25 जून को आपातकाल लगने के बाद, 4 जुलाई को उन्हें उनकी कपड़े की दुकान से गिरफ्तार किया गया और बालाघाट जेल की बैरक में रखा गया। उस वक्त जेल का वातावरण काफी खराब था। लगभग पौने दो महीने बाद, जब उन्हें बालाघाट जेल से अन्यत्र शिफ्ट किया जा रहा था।
तब उन्हें बच पाने तक की उम्मीद नहीं थी। बालाघाट से उन्हें दतिया जेल में शिफ्ट कर दिया गया। इसके बाद, जहां उन्हें अपने व्यापार में काफी नुकसान उठाना पड़ा।
आपातकाल की एक प्रदर्शन लगाई गई, जिसे बीजेपी नेताओं ने देखा।
रमेश रंगलानी बताते है कि पूर्व मंत्री लोचनलाल ठाकरे को आपातकाल में रायपुर में मारे गए लट्ठ के निशान, आज भी उनकी पीट पर है। वह बताते है कि आपातकाल के वह दिन याद आने पर रूह कांप जाती है।
जिले के 36 लोगों को अरेस्ट किया गया था
मीसाबंदी रमेश रंगलानी ने बताया कि बालाघाट में 36 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें वैनगंगा पुल को उड़ाने की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया गया था।
इमरजेंसी की तस्वीरें दिखाई गईं
इस दौरान लोकतंत्र सेनानी गौतम सुले और भाजपा जिलाध्यक्ष रामकिशोर कावरे भी मौजूद रहे। कार्यक्रम में आपातकाल के दृश्यों को प्रोजेक्टर के माध्यम से दिखाया गया।

प्रोजेक्टर के माध्यम से कार्यक्रम में अटल जी की ये तस्वीर दिखाई गई।
भाजपा अध्यक्ष रमेश रंगलानी, विधायक राजकुमार कर्राहे, पूर्व विधायक रमेश भटेरे समेत कई वरिष्ठ नेता कार्यक्रम में शामिल हुए।