भोपाल. फेस्टिव सीजन से पहले बाजार में महंगाई की आहट सुनाई दे रही है और इसका सबसे बड़ा कारण है वैश्विक संकट और युद्ध का बढ़ता दायरा. इजराइल और ईरान के बीच छिड़ी जंग अब सिर्फ एक राजनीतिक संकट नहीं रहा, इसका असर अब रोजमर्रा के जीवन पर भी दिखने लगा है. भोपाल सहित पूरे देश में दालों, खाद्य तेल, ड्राई फ्रूट्स और सेंधा नमक की कीमतें बढ़ने लगी हैं. इजराइल और ईरान के बीच चल रहे युद्ध का असर अब अंतरराष्ट्रीय व्यापार चैन पर भी दिखने लगा है. इसका सीधा असर भोपाल सहित देशभर की मंडियों में नजर आ रहा है.
भोपाल किराना व्यापारी महासंघ के मुताबिक खाद्य तेल 5 से 6 रुपये किलो, दालें 3 से 4 रुपये किलो और ड्राई फ्रूट्स 40 से 60 रुपये किलो तक महंगे हो चुके हैं. सेंधा नमक की कीमतों में भी 10 रुपये प्रति किलो तक का उछाल देखा जा रहा है.
युद्ध के कारण सप्लाई चेन प्रभावित
युद्ध का असर धीरे-धीरे सप्लाई चेन पर दिखने लगा है. तेल, दालें, ड्राई फ्रूट्स के दाम बढ़ रहे हैं. त्योहार नजदीक हैं और ऐसे में ये कीमतें और भी ऊपर जा सकती है. भोपाल किराना व्यापारी महासंघ के महामंत्री विवेक साहू ने कहा कि सेंधा नमक से लेकर दाल और ड्राई फ्रूट्स समय कई ऐसे समान है जो हमारे यहां ईरान से आते है. ईरान इसराइल तनाव का असर भोपाल के बाजारों पर भी नजर आ रहा है.
त्योहारों में बढ़ जाती है खपत
आने वाले समय देश में त्योहारों का सीजन शुरू होने वाला है, जो सावन सोमवारों से लेकर दीपावली तक चलेगा. इस दौरान लोग व्रत उपवास भी बड़े पैमाने पर रखते है. इसके चलते सेंधा नमक से लेकर ड्राई फ्रूट्स तक की डिमांड काफी बढ़ जाती है. ड्रायफ्रूट्स व्यापारी अमित ने बताया कि पिस्ता, केसर सेंधा नमक के दाम अभी से बढ़ गए है.
अब सरकार से राहत की आस
ईरान इजरायल तनाव के बाजारों पर पड़ रहे असर को लेकर आम लोगों का कहना है कि हम लोग घरेलू इस्तेमाल के लिए ड्राई फ्रूट्स और अन्य चीजों की खरीदी करते है. सरकार ने जिस तरह से ईरान में फंसे लोगों को वापस लाने का काम किया, हमें उम्मीद है कि महंगाई को कंट्रोल करने के लिए भी कदम उठाए जाएंगे.
इम्पोर्ट एक्सपोर्ट पर दिख रहा असर
बासमती चावल, केला, बंगाली चना, चाय जैसी वस्तुएं ईरान जाती है, लेकिन युद्ध के कारण एक्सपोर्ट ठप पड़ गया है. यह नुकसान आने वाले समय में और बड़ा हो सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कच्चे तेल की कीमतें बढ़ीं तो पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भी इजाफा होगा. इससे ट्रांसपोर्ट महंगा होगा और महंगाई की एक नई लहर देखने को मिल सकती है.
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