सतपुड़ा टाइगर रिजर्व का कोर क्षेत्र मानसून के कारण 30 जून से तीन महीने के लिए पर्यटकों के लिए बंद हो जाएगा। मढ़ई, चूरना समेत कोर क्षेत्र के पर्यटन स्थलों पर जंगल सफारी 1 अक्टूबर से फिर शुरू होगी। हालांकि बफर क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियां जारी रहेंगी।
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STR के डिप्टी डायरेक्टर ऋषभा नेताम ने बताया कि बरसात में वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए विशेष मानसून गश्ती की जाएगी। इसके लिए फील्ड डायरेक्टर से लेकर वनरक्षक और चौकीदारों की टीम बनाई गई है। पैदल गश्त के अलावा हाथियों, नावों और गाड़ियों से भी निगरानी की जाएगी। कर्नाटक से लाए गए हाथी भी गश्त में शामिल होंगे।
जंगल सफारी करने पहुंच रहे पर्यटक।
वन्य जीवों की साइटिंग से पर्यटकों का रुझान बड़ा
एसडीओ अंकित जामोद के अनुसार बफर क्षेत्र में पूरे साल पर्यटन चलता रहेगा, जहां नाइट सफारी विशेष आकर्षण है। मढ़ई में अब करीब 70 बाघों के अलावा पैंथर, भालू, बायसन, सांभर, चीतल, नीलगाय, बारहसिंगा और विभिन्न प्रजातियों के पक्षी व तितलियां पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
वर्तमान में मानसून की सक्रियता से जंगल में अच्छी बारिश हो रही है। कीचड़ और पानी से रास्ते खराब होने की स्थिति में गेट समय से पहले भी बंद किए जा सकते हैं। फिलहाल पर्यटक सुहावने मौसम का आनंद लेते हुए जंगल सफारी के लिए पहुंच रहे हैं, जहां उन्हें बाघ, भालू और बायसन सहित कई वन्यजीवों के दर्शन हो रहे हैं।

पर्यटकों को बाघ के हो रहे दीदार।
बरसात के तीन महीने पर्यटन बंद रहेगा
डिप्टी डायरेक्टर ऋषभा नेताम ने बताया कि अब बरसात के 3 महीने एसटीआर के कोर क्षेत्र में पर्यटकों के लिए जंगल सफारी बंद रहेगी। बारिश में वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए विशेष रूप से मानसून गश्ती होगी।