बारिश शुरू मेंटेनेंस अधूरा…: रोजाना 3 से 7 घंटे तक की कटौती के बाद भी जान ले रहे खुले ट्रांसफार्मर- डीपी, 24 दिन में ऐसी दो मौतें – Bhopal News

बारिश शुरू मेंटेनेंस अधूरा…:  रोजाना 3 से 7 घंटे तक की कटौती के बाद भी जान ले रहे खुले ट्रांसफार्मर- डीपी, 24 दिन में ऐसी दो मौतें – Bhopal News



मानसून आ चुका है, बारिश भी शुरू हो गई है, लेकिन बिजली कंपनी का प्री-मानसून मेंटेनेंस अब तक पूरा नहीं हो सका। शहर की 30 से 40 कॉलोनियां रोज 7-7 घंटे बिजली कटौती झेल रही हैं। इसके बावजूद मेंटेनेंस के नाम पर खानापूर्ति ही हो रही है।

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अधिकारी-कर्मचारियों की लापरवाही का नतीजा कि सोमवार को खुले तार और डीपी की चपेट में आकर एक और मौत हो गई। बीते 24 दिन में यह दूसरी घटना है। बावजूद इसके बिजली कंपनी का ढर्रा जारी है। रिकॉर्ड में अभी भी 40 फीडर का मेंटेनेंस बाकी है।

बुधवार को कंपनी ने 200 से ज्यादा इलाकों में बिजली बंद रहने की सूचना जारी कर दी। आधे घंटे से लेकर 5 घंटे तक की कटौती होगी। इतनी बड़ी संख्या में एक साथ बिजली कटौती का यह पहला मामला है। 1 मार्च से शुरू हुआ मेंटेनेंस 15 जून तक पूरा होना था, लेकिन आज तक अधूरा है।

पुराने शहर, अशोका गार्डन, पंजाबी बाग, करोंद, कोलार में दो-दो बार मेंटेनेंस के शटडाउन हो चुके हैं। फिर भी जरा सी बारिश में बिजली गुल। कई इलाकों में सप्लाई बहाल करने में 2-3 दिन लग गए।

हर दिन 8 फीडर का मेंटेनेंस

शहर में 600 फीडर हैं और मेंटेनेंस के लिए 75 दिन मिलते हैं। यानी बिजली कंपनी को औसतन एक दिन में 8 फीडरों का मेंटेनेंस करना होता है। जो फीडर बड़े हैं, उनके मेंटेनेंस में एक दिन से लेकर दो दिन तक का समय लगता है।

जिम्मेदार कौन … 31 मई को खुली डीपी में करंट आने से 11 वर्षीय बच्चे की मौत हुई थी, अब लोडिंग चालक की मौत

लोडिंग वाहन का गेट खोलते ही ट्रांसफार्मर से लगा… कुछ देर में मौत

जिसका डर था, वही हुआ। बिजली कंपनी के अफसरों की लापरवाही से फिर एक परिवार तबाह हो गया। घटना अशोका गार्डन में हुई। यहां खुले ट्रांसफार्मर की चपेट में आकर लोडिंग वाहन चालक गणेश सोनवने (43) की मौत हो गई। अन्ना नगर निवासी गणेश लोडिंग वाहन से सामान की डिलीवरी करते थे।

सोमवार दोपहर वह लोडिंग वाहन लेकर अशोका गार्डन सेमरा रुचि कलारी के पास सामान डिलीवरी करने गए थे। उन्होंने सड़क किनारे वाहन लगाया और जैसे ही दरवाजा खोला, वह ट्रांसफार्मर से टच कर गया। ट्रांसफार्मर में करंट था, इससे उन्हें तेज झटका लगा और गंभीर रूप से झुलस गए। गणेश को हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई। पिछले 24 दिन में बिजली कंपनी के अधिकारियों-कर्मचारियों की लापरवाही से यह इस तरह का दूसरा बड़ा हादसा हुआ है।

इससे पहले 31 मई को ई-7 अरेरा कॉलोनी में 11 साल का वंश क्रिकेट खेलते समय खुली डीपी की चपेट में आ गया था। जैसे ही बल्लेबाज ने शॉट मारा, गेंद डीपी के पास जा पहुंची। फील्डिंग कर रहा वंश जैसे ही गेंद उठाने गया, खुले ढक्कन की चपेट में आ गया और 440 वोल्ट के करंट से उसकी मौत हो गई। घटना के बाद जिम्मेदारों का दावा था कि खुली डीपी, ट्रांसफार्मरों को कवर किया जाएगा। लेकिन, 23 दिन बाद ही घटना ने दावों की पोल खोल दी है।

1 हजार से ज्यादा स्थानों पर डीपी खुली

शहर में बिजली के ट्रांसफार्मरों की डीपी के खुले ढक्कनों का खतरा एक-दो जगह नहीं, बल्कि करीब 1000 से ज्यादा स्थानों पर फैला है। 31 मई को वंश की मौत के बाद अधिकारियों ने जांच की औपचारिकता की रस्म अदायगी की। लेकिन, किसी की भी जिम्मेदारी अब तक तय नहीं की।

हाईटेंशन की चपेट में आने से मौत शंकर नगर निवासी अमजद खान (32) मेहनत मजदूरी करते थे। वह 20 जून की दोपहर घर की छत पर काम कर रहे थे। तभी हाईटेंशन लाइन की चपेट में आकर झुलस गए थे। उन्हें इलाज के लिए हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सोमवार रात उन्होंने अस्पताल में दम तोड़ दिया।

बिजली अफसरों का तर्क- आंधी से बिगड़ा शेड्यूल

  • बिजली कंपनी के जनरल मैनेजर बीबीएस परिहार का कहना है कि मई में आई तेज आंधी और बारिश ने मेंटेनेंस शेड्यूल बिगाड़ दिया।
  • इसकी वजह से करीब 12 दिन मेंटेनेंस का काम नहीं हो पाया। इस वजह से इस बार प्री मानसून मेंटेनेंस का काम लेट हो गया।

बड़ा सवाल- जनवरी से रोजाना 7-7 घंटे तक मेंटेनेंस के नाम पर कटौती, तो फिर प्री मानसून मेंटेनेंस अब तक पूरा क्यों नहीं हुआ।



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