युवक बोला- हम सब एक दूसरे का हाथ पकड़े थे: मैंने रस्सी नहीं छोड़ी इसलिए बच गया; गुना हादसे में जिंदा बचे पवन ने सुनाई आपबीती – Guna News

युवक बोला- हम सब एक दूसरे का हाथ पकड़े थे:  मैंने रस्सी नहीं छोड़ी इसलिए बच गया; गुना हादसे में जिंदा बचे पवन ने सुनाई आपबीती – Guna News


कुएं में से बाकी लोगों को निकालने की कोशिश करता पवन कुशवाह।

सबसे पहले मन्नू कुशवाह बछड़े को निकालने कुएं में गया। उसने कहा कि मेरा मन घबरा रहा है, मुझे निकाल लो। उसके बाद मेरा भतीजा सोनू कुशवाह नीचे गया, तो वो भी वहीं रह गया। फिर सिद्धार्थ सहरिया गया, तो वो भी नीचे ही रह गया। इसके बाद मैं गया, तो मैं भी घबरान

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यह कहना हैं, धरनावदा गांव के रहने वाले पवन कुशवाह का।

पवन उन छह लोगों में से हैं, जो गाय के बछड़े को निकालने के लिए कुएं में उतरे थे। इन छह लोगों में से पांच की मौत हो गई। केवल पवन ही जिंदा बचकर बाहर निकले। उन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

बता दें कि, धरनावदा गांव में मंगलवार सुबह 10 से 11 बजे के बीच आम के बगीचे में बने कुएं में गिरी एक गाय को बचाने के चक्कर में छह लोग कुएं में उतर गए। कुएं में नीच जहरीली गैस के कारण उनका दम घुटने लगा।

इनमें से एक युवक वापस बाहर आ गया और पांच लोग कुएं में डूब गए। पांचों की मौत हो गई। ग्रामीणों और SDERF की टीम ने कुएं में से पांच शव निकाले। सभी शवों का जिला अस्पताल में पोस्टमॉर्टम किया गया। पीएम के बाद शव परिवार वालों को सौंप दिए गए।

हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई।

ऐसे हुई घटना

जानकारी के अनुसार धरनावदा गांव के मुहाने पर ही किसी अनिल भदौरिया नाम के व्यक्ति का खेत है। इस खेत के बीच में ही एक लगभग 70 फीट का कुआं है। खेत में ही आम का बगीचा लगा हुआ है। आम के लगभग 15 से 20 पेड़ हैं।

इन आम के पेड़ों से आम तोड़कर बेचने का ठेका उन्होंने गांव के ही दो लोगों को दिया था। मंगलवार सुबह तीन लोग आम तोड़ने के लिए गए थे। इसी दौरान एक गाय वहां आ गई। गाय को उन्होंने भगाया, तो वह कुएं में गिर गई।

शुरुआत में दो लोग गाय को बचाने के लिए रस्सियों के सहारे कुएं में उतर गए। तीसरे व्यक्ति ने और ग्रामीणों को बुला लिया। इसके बाद एक एक कर कुल छह लोग कुएं में उतरते गए। कुएं में उतरते ही सभी को घुटन होने लगी। उनके हाथ पैरों ने काम करना बंद कर दिया। एक युवक को घुटन हुई, तो वह वापस बाहर आ गया। बाकी सभी बेहोश होकर कुएं में डूब गए।

कुएं में डूबे लोगों को निकालते ग्रामीण और SDERF की टीम।

कुएं में डूबे लोगों को निकालते ग्रामीण और SDERF की टीम।

घटना में सिद्धार्थ सहरिया पुत्र दिमान सिंह(25), गुरुदयाल ओझा पुत्र गंगाराम ओझा(40), शिवचरण साहू पुत्र भंवर लाल साहू(40), सोनू कुशवाह पुत्र पप्पू कुशवाह(28), मन्नू कुशवाह पुत्र श्रीकृष्ण कुशवाह(35) की मौत हो गई। वहीं पवन कुशवाह पुत्र ग्यारसी राम कुशवाह(35) घायल हो गया। सभी धरनावदा गांव के ही रहने वाले थे।

प्रत्यक्षदर्शी बोला- सांस लेना मुश्किल था, बचाने की कोशिश की पर सफल नहीं हो पाए

धरनावदा निवासी अंशुराज जैन ने दर्दनाक घटना का आंखों देखा हाल सुनाते हुए बताया कि शुरुआत में एक गाय को कुएं से निकालने के लिए दो लोग उतरे थे। जब वे गाय को नहीं निकाल पाए तो चार और लोगों को मदद के लिए बुलाया गया।

“कुएं में उतरने के कुछ ही देर बाद सभी लोग बेहोश होने लगे। हमने रस्सियां डालीं और खाट के सहारे एक व्यक्ति, पवन कुशवाह को बाहर निकालने में सफलता मिली, लेकिन बाकी पांच लोग कुएं में समा गए,” जैन ने बताया।

शव को कुएं से खटिया पर बाहर निकाला गया।

शव को कुएं से खटिया पर बाहर निकाला गया।

उन्होंने आगे बताया- “लोगों की चीख-पुकार सुनाई दे रही थी – ‘बचा लो, बचा लो’। हमने दो-तीन लोगों को कुएं में उतारने की कोशिश की, लेकिन वहां सांस लेना मुश्किल था। जैसे ही कोई नीचे जाता, उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगती और हमें उन्हें तुरंत वापस खींचना पड़ता।”

जैन ने बताया कि यह बचाव अभियान करीब दो घंटे तक चला, जिसमें एक घंटा लोगों को बचाने में लगा। अगर उचित बचाव उपकरण मौजूद होते तो शायद उन्हें बचाया जा सकता था। मृतकों में से कुछ के डेढ़ साल के छोटे बच्चे भी हैं। कुछ खेती करते थे और कुछ मजदूरी करके अपना गुजारा करते थे।

बैंक से लौट रहे थे गुरुदयाल, पांच बच्चों के थे पिता

मृतक गुरुदयाल ओझा की बहन ने बताया कि उनके भाई सुबह बैंक से पैसे निकालकर गांव लौट रहे थे, जब रास्ते में उन्हें कुएं में गिरी गाय की जानकारी मिली। मदद के लिए वे भी कुएं की तरफ चले गए, जहां दुर्भाग्यपूर्ण घटना में उनकी मृत्यु हो गई।

गुरुदयाल परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। उनके पांच बच्चे हैं – तीन बेटियां और दो बेटे, जिनमें से किसी की भी अभी शादी नहीं हुई है। परिजनों ने शुरुआत में पोस्टमॉर्टम कराने से इनकार कर दिया और लगभग चार घंटे तक अपने रुख पर अड़े रहे। उनका कहना था कि वे शव की काट-छांट नहीं होने देंगे। बाद में विधायक जयवर्धन सिंह के समझाने पर परिवार ने पोस्टमॉर्टम के लिए सहमति दी।

ग्रामीणों ने कलेक्टर की गाड़ी को घेर लिया।

ग्रामीणों ने कलेक्टर की गाड़ी को घेर लिया।

सबसे पहले मन्नू और सोनू उतरे

आम तोड़ने फार्म हाउस गए सोनू कुशवाह और मन्नू कुशवाह को जब कुएं में गिरी गाय की जानकारी मिली, तो सबसे पहले मन्नू कुशवाह गाय को बचाने के लिए कुएं में उतरे। उनके बाद सोनू कुशवाह भी कुएं में गए।

जब दोनों नीचे से वापस नहीं लौटे, तो सिद्धार्थ सहरिया उन्हें बचाने कुएं में उतरे, लेकिन वह भी वापस नहीं आ सके। इसके बाद क्रमशः पवन कुशवाह, गुरुदयाल ओझा और अंत में शिवचरण साहू ने कुएं में उतरकर बचाव का प्रयास किया।

मंगलवार रात एक ही शेड के नीचे पांचों मृतकों का अंतिम संस्कार किया गया।

मंगलवार रात एक ही शेड के नीचे पांचों मृतकों का अंतिम संस्कार किया गया।

एक साल के बच्चे के पिता थे सिद्धार्थ

हादसे में जान गंवाने वाले आदिवासी युवक सिद्धार्थ सहरिया की शादी मात्र दो वर्ष पहले हुई थी। मजदूरी करके परिवार का भरण-पोषण करने वाले सिद्धार्थ एक साल के मासूम के पिता थे।सिद्धार्थ कुएं में गिरे दो लोगों को बचाने के लिए ग्रामीणों के बुलावे पर मौके पर पहुंचे थे, जहां बचाव कार्य के दौरान उनकी भी मौत हो गई।

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