मध्यप्रदेश एनएसयूआई (NSUI) के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार को एक बार फिर MSC नर्सिंग चयन परीक्षा 2025 देने से रोक दिया है। परमार ने आरोप लगाया है कि उन्हें एमएससी नर्सिंग चयन परीक्षा 2025 से जानबूझकर वंचित किया गया, जबकि उन्होंने समय पर और नियमों के अन
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इस मामले को लेकर परमार ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, जिसकी सुनवाई शुक्रवार 27 जून को होगी। याचिका में उन्होंने परीक्षा फॉर्म निरस्तीकरण को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है और इसे शैक्षणिक अधिकारों का हनन बताया है।
याचिका में यह मांग
- फॉर्म निरस्तीकरण का आदेश तुरंत रद्द किया जाए।
- रवि परमार को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी जाए।
बीते साल भी नहीं मिली थी अनुमति परमार के अनुसार, यह पहली बार नहीं है, जब मुझे परीक्षा से वंचित किया गया हो। MSC नर्सिंग चयन परीक्षा 2024 में भी मुझे रोका गया था, जिस पर मैं जबलपुर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
न्यायालय ने 16 अक्टूबर 2024 को परमार को फिजिकल फॉर्म के माध्यम से परीक्षा में बैठने की अनुमति दी थी। न्यायालय ने स्पष्ट किया था कि परमार एक छात्र नेता हैं और उन पर दर्ज एफआईआर नैतिक अधमता से संबंधित नहीं हैं, और केवल एफआईआर दर्ज होने मात्र से किसी विद्यार्थी का शैक्षणिक अधिकार नहीं छीना जा सकता।
बीते साल नहीं ले पाए थे हिस्सा रवि परमार ने कहा कि न्यायालय में मामला लंबित होने के कारण उनके परीक्षा परिणाम में देरी हुई और वे काउंसलिंग में भाग नहीं ले पाए। उन्होंने इसे अपने साथ-साथ उन लाखों छात्रों के साथ अन्याय बताया जो आवाज उठाने से डरते हैं।